For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बेचारा सर्वहारा (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी (37)

विजय उत्सव अपने चरम पर था। शहर के कुछ नामी नेता और मिल मज़दूरों में से दो अगुआ मज़दूरों के साथ बड़े कर्मचारी मिल मालिकों को बधाई दे रहे थे मज़दूरों के वापस काम पर लौटने पर।

"आपने पहले ही इशारा कर दिया होता, तो हम तो ये हड़ताल पांच-छह दिन में ही बंद करवा देते ! चारों अगुआ मज़दूरों को जेल भिजवाने में इतनी देरी हम होने ही नहीं देते ! " -एक नेता ने कहा।

"वो रूपकिशोर है न, वही उनकी ताक़त था, उसकी वो हालत करवा दी कि बीस दिनों से अस्पताल में भर्ती है"- एक दबंग ने मिल मालिक की तरफ देख कर कहा।

"लेकिन साहब, सबसे ज़्यादा असर तो अफवाहें फैलाने के बाद भूख हड़ताल शुरू होने पर पड़ा। हमने आपके इशारे पर वो पैंतरा बदला कि भूखे पेट हड़ताल करने वालों के घर खाने के लाले पड़ गये। "- दलाल अगुआ मज़दूरों में से एक बोला।

सिगरेट का कश लेते हुए मिल मालिक ने टेबल पर घूसा मारते हुए कहा- "सही कहा है किसी ने कि जिस देश में आम मेहनतकश आबादी के बीच राजनीतिक चेतना की कमी हो, उस देश में यदि एक झूठ को भी लोगों के कानों में दिन-रात मंत्र की तरह फूंका जाये, तो लोग उसे सच मानने लगते हैं ! देखा, भूख हड़ताल भी ख़त्म हो गई और काम पर भी लौट आये वे सब सर्वहारा !"

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 376

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 8, 2017 at 5:03am
इस ब्लोग-पोस्ट पर समय देने हेतु सभी पाठकगण को तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 16, 2015 at 5:16pm
मेरी रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी करने व मुझे प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, आदरणीय सुशील सरना जी व आदरणीय तेज वीर सिंह जी। आदरणीय सौरभ जी मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु हार्दिक आभार।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 6, 2015 at 12:58am

सच्चाई को शब्दांकित करने का प्रयास हुआ है. इसी तरह प्रयासरत रहें, आदरणीय.  

इस प्रस्तुति में आवश्यक कसावट हो जाय तो यह और निखर सकेगी. आप कुछ हफ़्तों बाद इस प्रस्तुति को पढियेगा, मेरा कहा स्प्ष्ट होगा.  

शुभेच्छाएँ

Comment by Sushil Sarna on November 25, 2015 at 5:24pm

वाह आदरणीय उस्मानी साहिब सत्य को उजागर करती इस बेहद उम्दा लघु कथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 25, 2015 at 11:50am

हार्दिक बधाई शेख उस्मानी जी!बेहतरीन लघुकथा!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
56 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service