For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छोटी सी इबादत (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी (36)

भीड़-भाड़ वाली सड़क पर पड़े केले के छिलके पर हमीद का पैर पड़ने ही वाला था कि उसने खुद को संभाल लिया और तुरंत उसे उठा कर हाथ में ले लिया। शबाना शौहर से बिना कुछ कहे बुरा सा मुँह बनाकर आगे चलती रही। अब्बूजान भी चुपचाप चलते रहे। कुछ दूर चलने पर जब एक गाय दिखाई दी, तो हमीद ने उसके नज़दीक जाकर अपने हाथ से उसे वह केले का छिलका खिला दिया। बाक़ी दोनों यथावत चलते रहे गन्तव्य की ओर । कुछ और दूर चलने पर एक बड़ा सा पत्थर बीच सड़क पर दिखा जिसे फांदते हुए राहगीर निकलते जा रहे थे जिन में कुछ बच्चे व बुज़ुर्ग भी थे। हमीद से रहा नहीं गया। शर्ट की आस्तीनें ऊपर चढ़ाकर उसने वह पत्थर दोनों हाथों से उठाया और सड़क के किनारे उस जगह पर रख दिया, जहां एक गड्ढा था । हाथों की धूल साफ करते हुए वह तेज़ क़दमों से चलता हुआ उन दोनों के पास पहुँच गया। बीवी व अब्बूजान भले ही चुप थे ,लेकिन उनके चेहरे बहुत कुछ बोल रहे थे । घर पहुँचते ही चेहरों के भाव शब्दों में फूट पड़े।

" बहू बिलकुल सही कहती है कि तुम किसी के साथ भी कहीं भी ले जाने लायक नहीं हो ! अरे विचित्र प्राणी, तुम्हारी पागलों जैसी हरकतों को कोई कितनी बार बरदाश्त करेगा, मैं भी परेशान हो गया हूँ तुम्हारी विचित्र आदतों से !" - अब्बूजान हमीद पर बरस पड़े और दूसरी तरफ खड़ी बीवी टेढ़ा सा मुँह बना रही थी।

इस बार प्रत्युत्तर में हमीद भी बोल ही पड़ा -"विचित्र तो आप लोग हो, जो मेरी आदतें विचित्र ही नज़र आती है ! ये क्यों नहीं समझते कि ये छोटे-छोटे नेक काम भी एक तरह की इबादत ही है। बिना मतलब समझे, बिना कोई सीख लिये मज़हबी क़िताबें तोतों की तरह पढ़ते रहना और टीवी देखते हुए माला जपना भी भला कोई इबादत है ?"

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 430

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 8, 2017 at 4:58am
मेरी इस रचना पर समय देकर अपनी टिप्पणियों द्वारा अनुमोदन करने व विचार साझा करते हुए हौसला अफ़ज़ाई हेतु सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी , आदरणीय नादिर ख़ान साहब, आदरणीय सुशील सरना जी, आदरणीय सुनील वर्मा जी व आदरणीय तेजवीर सिंह जी। तकनीकी समस्याओं के कारण सभी ब्लोग-पोस्ट पर टिप्पणियों के उत्तर देने में विलंब हेतु क्षमा चाहता हूँ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 27, 2015 at 12:01am

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब, मैं आपकी इस लघुकथा पर आपको हृदय की गहराइयों से धन्यवाद और बधाइयाँ कह रहा हूँ. हो सकता है, यह प्रस्तुति कतिपय पाठकों को तनिक उपदेशात्मक सी लगी हो. लेकिन इस कथा की अंतर्धारा अपने साथ बहुत कुछ बहा कर ले आती है. इन बहुत कुछ ने ही अबोले रह कर इस लघुकथा को अवश्य पठनीय बना दिया है.
शुभेच्छाएँ आदरणीय

Comment by नादिर ख़ान on November 25, 2015 at 7:12pm

बहुत खूब कहा आदरणीय उस्मानी साहब और खूबसूरत अंदाज़ में कहा मुबारकबाद आपको .....

Comment by Sushil Sarna on November 25, 2015 at 5:27pm

बहुत सुंदर आदरणीय उस्मानी साहिब जीवन की ये छोटी छोटी बातें ज़हन को कितना सुकून देती हैं अगर ये समझ इंसान में आजये तो जीवन जन्नत हो जाए। बहुत सुंदर। ... हार्दिक बधाई। 

Comment by TEJ VEER SINGH on November 25, 2015 at 11:44am

हार्दिक बधाई शेख उस्मानी जी!बेहतरीन लघुकथा!सच कहा आपने यह भी एक इबादत का ही रूप है!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
30 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
36 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
39 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
40 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
7 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service