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अपने अपने दर्द ( लघुकथा )

" आजकल इंडस्ट्री लगाना और उसे चलाना आसान नहीं रहा " कहते हुए उनके चेहरे का दर्द टपक गया |
" क्यों , क्या हो गया ऐसा ", आश्चर्य से पूछा उसने |
" अरे ये मनरेगा जो आ गया , अब जिसको अपने गाँव , घर में ही काम मिल जा रहा है , वो क्यों आएगा दूर काम करने "|
" और रही सही कसर ये शॉपिंग माल वाले पूरी कर दे रहे हैं | बढ़िया ए सी में काम मिल जा रहा है उनको "|
उसे अपना गाँव याद आ गया जहाँ ग्राम प्रधान और अधिकारी मिल कर मनरेगा का आधा से ज्यादा पैसा फ़र्ज़ी नाम से हड़प जाते हैं |
मज़दूर को भी दर्द होता है , वो सोच में डूब गया |
मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by विनय कुमार on July 14, 2015 at 12:46pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 13, 2015 at 11:03pm

आजकी वस्तुस्थिति को सापेक्ष करती हुई एक अच्छी कोशिश केलिए हृदय से बधाई आदरणीय..

Comment by विनय कुमार on July 4, 2015 at 1:34pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय परी श्लोक जी..

Comment by Pari M Shlok on July 4, 2015 at 10:12am
आदरणीय विनय जी बहुत ही अच्छी लघुकथा हुई है,बधाई आपको
Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 10:19pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया शशि बंसल जी .

Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 10:18pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय कृष्ण मिश्रा जान गोरखपुरी जी.

Comment by shashi bansal goyal on July 3, 2015 at 10:11pm
बहुत बढ़िया तरीके से शीर्षक और कथा तत्व को समेटा है । बधाई स्वीकारें ।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on July 3, 2015 at 8:47pm

बधाई! आ० विनय सर जी आपकी लघुकथाए नए नए सार्थक विषयों पर आ रही है! जो बहुत जरूरी है!

Comment by विनय कुमार on July 3, 2015 at 8:41pm

बहुत बहुत आभार आदरणीया कान्ता रॉय जी..

Comment by kanta roy on July 3, 2015 at 7:14pm
बेहतरीन लघुकथा विनय सर जी , शीर्षक को सार्थक करती हुई ...... बहुत खूब

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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