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ताप प्रचण्ड
उफनाई नदियाँ
तपता भादों |

पथिक भूला
अंतर्मन व्यथित
तिमिर घना |

पथ ना सूझे
पिए नित गरल
कंठ भुजंग |

अल्हड़ नदी
मदमस्त लहरें
नईया डोले |

भजन राम
बसे छवि मन में
नित निहारू |

मनमोहिनी
चंदा सा मुख देख
खुशी मन में |
 
मीना पाठक 
मौलिक /अप्रकाशित 

Views: 642

Comment

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Comment by Meena Pathak on August 26, 2014 at 6:55pm

आदरणीया प्राची जी मुझे जरा भी मालूम नही था कि हायकू में भी तुकांतता का निर्वहन हो सकता है , अगली बार जरूर प्रयास करूँगी | हायकू सराहने के लिए दिल से आभार स्वीकारें | सादर

Comment by Meena Pathak on August 26, 2014 at 6:52pm

आदरणीय गिरिराज जी हायकू सराहने हेतु सादर आभार स्वीकारें

Comment by Meena Pathak on August 26, 2014 at 6:51pm

प्रिय महिमा स्नेहिल आभार

Comment by Meena Pathak on August 26, 2014 at 6:51pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी आप के स्नेह से अभिभूत हूँ आशा करती हूँ ये स्नेह हमेशा मिलता रहेगा | सादर आभार स्वीकारें

Comment by Meena Pathak on August 26, 2014 at 6:49pm

आदरणीया सरिता जी बहुत बहुत आभार स्वीकारें


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 26, 2014 at 9:53am

बहुत खूबसूरत हायकू कहे हैं आ० मीना पाठक जी 

इस गंभीर प्रयास पर मेरी हार्दिक बधाई... हायकू प्रयास में यदि पहली और तीसरी पंक्ति में तुकांतता का निर्वहन भी हो तो शिल्प में चार चाँद लग जाते हैं.... अगले हायकू प्रयास में इसे भी समाहित करके देखिएगा 

शुभकामनाएं 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 25, 2014 at 8:37pm

आदरणीया मीना जी , सुन्दर हाइकू के लिए बधाई |

Comment by MAHIMA SHREE on August 25, 2014 at 7:58pm

पथिक भूला 
अंतर्मन व्यथित 
तिमिर घना |

पथ ना सूझे 
पिए नित गरल
कंठ भुजंग |

अल्हड़ नदी 
मदमस्त लहरें
नईया डोले |..... बहुत बढ़िया हायकु आदरणीय मीना दी अभूत -२ बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 25, 2014 at 5:16pm

पथिक भूला 
अंतर्मन व्यथित 
तिमिर घना |-----बहुत सुन्दर 

अल्हड़ नदी 
मदमस्त लहरें
नईया डोले |---क्या बात 

भजन राम -----राम भजन कर लें तो कैसा रहे 
बसे छवि मन में 
नित निहारू |----भक्तिमय ...मन में बस गया 

सभी हाइकु बहुत सुन्दर हैं बधाई स्वीकारें प्रिय मीना जी .

Comment by Sarita Bhatia on August 25, 2014 at 1:48pm

बहुत सुंदर ,बधाई मीना जी 

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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