For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

         चुनाव

भरे नहीं थे पिछले घाव

लो फिर आगया चुनाव

मुद्दों की मलहम लेकर

घर-घर बाँट रहे हैं

फिर नए साजिश की

क्या ये सोच रहे हैं ?

धर्म मज़हब की लेकर आड़

करते नित नए खिलवाड़

फिर शह-मात की बारी है

सियासी जंग की तैयारी है

आरोप प्रत्यारोप का

भयंकर गोला बारी है

विकास की उम्मीद लिए

परिवर्तन पर परिवर्तन

लेकिन थमता नहीं यहाँ

कुशासन का ये नर्तन

कहीं मुँह बड़ा हुआ यहाँ

कहीं हो रही रोटी छोटी

ऐसे राजा का क्या  ?

जो कर दे देश की

किस्मत खोटी

************

महेश्वरी कनेरी

   मौलिक  /अप्रकाशित 

Views: 438

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 30, 2014 at 4:57pm

चुनावी समय की यथा तस्वीर प्रस्तुत की ही आ० महेश्वरी कनेरी जी 

बधाई 

Comment by अरुन 'अनन्त' on April 21, 2014 at 1:12pm

आदरणीया बहुत ही सच बयानी की है आपने वास्तव में कुछ ऐसा ही हो रहा बहुत ही सुन्दर रचना बधाई स्वीकारें.

Comment by Maheshwari Kaneri on April 21, 2014 at 9:01am

उत्साह वर्धन के लिए आप का बहुत बहुत आभार आदरनीय शिज्जु  जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 20, 2014 at 8:54pm

आदरणीया महेश्वरी जी बेहतरीन भावाभिव्यक्ति है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Maheshwari Kaneri on April 20, 2014 at 7:47pm

जितेन्द्र जी आप का बहुत बहुत आभार..

Comment by Maheshwari Kaneri on April 20, 2014 at 7:47pm

उत्साह वर्धन के लिए आप का बहुत बहुत आभार,गिरिराज जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 19, 2014 at 1:56pm

आज के चुनाही माहौल की सच्चाई को पूर्णतया बयान करती आपकी रचना के लिये आपको हार्दिक बधाई , आदरणीया महेश्वरी जी !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 19, 2014 at 11:01am

न जाने कब तक जनता के खून-पसीने की कमाई से ऐसे पाखंडियों का चुनावी उत्सव चलता रहेगा. अपनी रचना में आपने बहुत सुंदर  चित्रण किया है आदरणीया माहेश्वरी जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
6 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
7 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
10 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service