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Vinay Kull's Comments

Comment Wall (201 comments)

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At 10:50am on October 4, 2013, Abhinav Arun said…

लालू गति ...वाह क्यां कहने अति सुन्दर :-) मन तरंगित है आदरणीय !!

At 4:38pm on September 27, 2013, Abhinav Arun said…

एक और सामयिक सशक्त सटीक  व्यंग्य चित्र की प्रस्तुति के लिए हार्दिक साधुवाद आदरणीय !!

At 8:34pm on September 19, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

शानदार व्यंग चित्र 

खाद्य पदर्थों की महँगाई के चलते पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म न कर सकने की विवशता... वाह! बहुत सामयिक और सटीक! 

साथ ही चित्रांकन भी बहुत पसंद आया 

हार्दिक बधाई इस व्यंग चित्र पर 

At 4:32am on September 16, 2013, Abhinav Arun said…

अगर हिंदी में कहूं तो आपका ताज़ा कार्टून बहुत इफेक्टिव है , कोंग्रेचुलेशन !

At 5:56pm on September 9, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

हाहाहा! जबरदस्त कार्टून्स वाह 

दोनों ही व्यंग चित्र  बहुत पसंद आये 

इन शानदार हास्य चित्रों के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय 

At 8:20pm on September 8, 2013, Abhinav Arun said…

वाह वाह मज़ा आ गया श्री विनय जी .. :-) तीज मुबारक !! 

At 2:21pm on September 3, 2013, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

कौन यहाँ समझेगा सब कुछ खोने का दर्द। मीडिया को अपनी पड़ी नेता हैं बेदर्द ||   badhayi vinay jee

At 5:56pm on September 1, 2013, अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव said…

विनय भाई - चित्र अच्छे लगे, क्र. 1,2,  5, 6 तो अदभुत है। बधाई 

At 12:03pm on August 30, 2013, Abhinav Arun said…

वाह भीषण विपदा में भी हास्य के क्षण अंकित करने की इस कला आपकी तूलिका को नमन है आदरणीय ! बहुत लाजवाब चित्र क्या कहने वाह !!

At 9:49pm on August 24, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

आदरणीय विनय कुल जी 

बहुत शानदार व्यंगचित्र 

वाह.... पुतला भी जला दें और मुद्दा भी न बने...... इससे तो स्थगित करना ही भला.

आभार 

At 12:55pm on August 16, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

हाहाहा बहुत खूब सीख दी जा रही है बेटे को...सही है ऐसी नेतागिरी जैसा उज्जवल कैरियर आज दूसरा कहाँ..

बहुत बढिया व्यंग चित्र 

At 9:11am on August 14, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

हा हा हा हा !

अब तो दर्शन ही करेगा आम आदमी ८० रु० किलो प्याज के..

बहुत सुन्दर व्यंग चित्र 

सादर.

At 9:01pm on August 8, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

आदरणीय विनय जी, व्यंग्य चित्र के कैप्शन में निपटने के यमक अलंकार ने आपके चैतन्य भाव को बखूबी बखाना है. इस तल्ख़ पर मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें. आदरणीय.

दूसरे व्यंग्य चित्र के माध्यम से ’उन’ साहबान को पूरा संदेश जा रहा है कि ’वे’ महोदय वाकई कुतुबमिनार से कूद जायें.

सादर

At 3:49pm on August 8, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

आदरणीय विनय कुल जी 

दोनों ही व्यंग चित्र बहुत बढ़िया है..

संसद से मंत्रियों के वक्तव्यों को जिस बेचारगी से व्यक्त किया गया है बहुत सामयिक है 

और कड़ाई नें परोक्ष रूप से क्या व्यंग बाण कसा है..वाह 

बहुत सुन्दर व्यंग चित्रों के लिए सादर धन्यवाद.

At 3:31pm on July 26, 2013, Abhinav Arun said…

वाह वाह विनय जी क्या कहने बहुत खूb व्यंग्य चित्र है आदरणीय !!

At 9:03pm on July 23, 2013, Abhinav Arun said…

वाह आदरणीय विनय जी ये अंदाज़ भी मन को भा गया ! बहुत खूब व्यंग्य किया है महंगाई पर !!

At 11:06am on July 23, 2013,
सदस्य कार्यकारिणी
rajesh kumari
said…

हाहाहा सच में सब्जियों के भाव से बेहोशी तो आ ही जायेगी ,शानदार कार्टून बधाई आपको 

At 4:24pm on July 1, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

आपदा के बजट पर मन ही मन उछलने वाले अधिकारियों का सामयिक व्यंग-चित्र 

यथार्थ चित्रण 

सादर.

At 10:48pm on June 27, 2013, Harish Upreti "Karan" said…

वाह विनय जी बहुत खूब .....ये जनाब उत्तराखंड के कोई बड़े अधिकारी लगते हैं.....

At 10:39am on June 21, 2013, coontee mukerji said…

किसी की जान की आफ़त बनती है तो किसी को बीवी के मनोरंजन   कराने को  सूजता है. बहुत अच्छा कार्टून  है.

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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