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Rash Bihari Ravi's Comments

Comment Wall (44 comments)

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At 9:58am on July 13, 2011, Atendra Kumar Singh "Ravi" said…
गुरु जी , फ़ोन के माध्यम से पता चला की आपके चाचा जी का ट्रेन एक्सिडेंट में स्वर्गवास हो गया है जो बहुत ही दुःख कि बात है l मै ईश्वर से प्रार्थना करुंगा की भगवान आप के परिवार में आये इस आपार दुखो से लड़ने की हिम्मत दे ! भगवान् आपके चाचा जी के आत्मा को शांति प्रदान करें ल

अतेन्द्र कुमार सिंह 'रवि'
At 2:01pm on July 3, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…
धन्यवाद भाईजी.
At 11:07pm on April 4, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Rana Pratap Singh
said…
बहुत बहुत शुक्रिया| आपको भी नवसंवत्सर की ढेरों शुभकामनाएं|
At 4:28pm on January 19, 2011, Abhinav Arun said…
shukriya guru jee for poetic good wishes. sneh banaye rakhiyega >abhaar !!!
At 7:02am on January 18, 2011, s. chauhan said…
धन्यवाद गुरु जी
At 9:40am on December 31, 2010, आशीष यादव said…
thanx sir
At 9:50am on September 5, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 11:54am on September 4, 2010, आशीष यादव said…
happy B'day
At 3:58pm on August 28, 2010, Jogendra Singh जोगेन्द्र सिंह said…
स्वागत है दोस्त ... )
At 4:31pm on August 26, 2010, Admin said…
हाय रे मदिरा हाय रे - हाय रे मधुशाला ,
तेरे चाह में पड़ कर हमने ये क्या कर डाला ,
घर में बच्चे भूखे सो गए चल रहा हैं प्याला ,
हाय रे मदिरा हाय रे - हाय रे मधुशाला ,
रोज कमाए रोज उड़ाये खाली हाथ घर को जाये ,
बीबी जब कुछ पूछे तो भईया जोर का चाटा खाये ,
सिलसिला यह चल रहा हैं नहीं अब रुकने वाला ,
हाय रे मदिरा हाय रे - हाय रे मधुशाला ,
दोस्तों की दोस्ती से यारो होती है यह शुरू ,
शौक से आगे बढती फिर आदत का रुप यह लेती ,
क्या बतलाऊ इसने तो जीना मुस्किल कर डाला ,
हाय रे मदिरा हाय रे - हाय रे मधुशाला ,
सोच था इक सपना था आगे तक जाने की ,
जाने कैसे बहक गया मैं नजर लगी ज़माने की ,
सोचा था क्या मैंने और ये क्या कर डाला ,
हाय रे मदिरा हाय रे - हाय रे मधुशाला ,
At 7:06pm on August 25, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
प्लेविन एक ऐसा सपना ,
जो सपने चकनाचूर करे ,
इंसान को इंसान ना रहने दे ,
गलती को मजबूर करे ,
जो लेकर आये,
वो कभी वापस ना जाये ,
जो गए उसे पाने के लिए,
और लगाये और लगाये,
दिन पर दिन फटहाली,
और कंगाली छाये ,
जो इसके चक्कर में पड़े,
वो कही का ना रहे,
काम में भी मन न लगे,
अपनों से भी दूर करे ,
दोस्तों आप से गुजारिश हैं ,
सपने देखो मगर ऐसा नहीं,
चलो आप एक काम करो,
हर एक से ये बात कहो ,
उस प्लेविन से मुख मोड़ो,
जो सपने चकनाचूर करे,
(प्लेविन = एक प्रकार का जुआ)
At 4:05pm on August 24, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
राखी आकर चली गई ,
कही मस्ती छाई ,
चली खूब मिठाई ,
बहना ने भाई की ,
कलाई पे राखी बांधी !!

जहीन ये ख़ुशी दे गई ,
और कही गम का गुबार
देकर चली गई !!
अब एक दो रूपये में ,
राखी मिलती नहीं ,
दुखहरण के बेटी बुधिया के पास ,
चावल खरीदने के बाद,
पांच रुपये का सिक्का बचा ,
दाल की जगह ,
खरीद ली राखी ,
मिठाई के नाम पर ,
लिया बताशा ,
वाह रे दुनिया वाले ,
कैसा अजब तमाशा ,
तेरी कुदरत
कहीं हंसा गई
कहीं रुला गई ,
राखी आई चली गई !!
At 4:31pm on August 19, 2010, Admin said…
वाह रे हिंद के लोकतंत्र ,
सब कुछ दिखा दिया ,
तेरे प्रतिनिधियों में भी ,
अब दिखने लगी एकता ,
हम सब समझते हैं,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
सदन में जो एक दुसरे को ,
बोलने नहीं देते ,
बच्चो सा लड़ते ,
मूर्खो सा हरकत करते ,
आज है हाथ मिलाते,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
वेतन की बात अच्छी हैं ,
सचिव से ज्यादा चाहिए ,
हम इसकी पहल करेंगे ,
मगर इमानदार बन के दिखाइए ,
आते फकीर, बन जाते अमीर,
कारण ?
लुट सको तो लुट लो ,
१५००० की वेतन ,
आपको ५ साल में ,
अरब पति बनाते हैं ,
ये पैसा कहाँ से आते हैं ,
आप समझायेंगे हमे,
कारण ?,
लुट सको तो लुट लो ,
आप ८० हजार नहीं २ करोड़ लो ,
साथ में इक वादा भी करो,
हम ईमानदारी से ,
हिंद के सेवा में लगे रहेंगे ,
तो हम क्यों पूछेंगे,
कारण ?
और क्यों कहेंगे ,
लुट सको तो लुट लो ,
At 4:51pm on July 26, 2010, Admin said…
कौन कहता हैं सी बी आई का दुरूपयोग होता हैं,
१८८४ के दंगा के आरोपी को छोड़ती हैं ,
जनता की मांग पर फिर केस चलता हैं ,
उसके बाद दुबारा सजन कुमार अंदर जाता हैं ,
कौन कहता हैं सी बी आई का दुरूपयोग होता हैं,
टाइटलर हैं किस्मत वाले दुबारा क्लीनचिट मिला ,
अमित शाह को लेकर भाजपा ने जो वक्तव्य दिया ,
आम आदमी सोचने पर मजबूर हो जाता हैं ,
कौन कहता हैं सी बी आई का दुरूपयोग होता हैं,
At 3:22pm on July 23, 2010, Admin said…
बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,
आग लगइबु का हो गोरिया बीच बजरिया आई के ,

चाल बा तोहर नागिन जइसन अचरा जब सरकावेलू ,
देख के मुखड़ा मन इ बोले अंगिया काहे न लगावे लू ,
तोहरो सुरतिया मनवा मोहे काहे जालू ललचाई के ,
बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,

जवन तू कह्बू उहे करब हमरा के अपनाs लs हो ,
तहरे खातिर जियत बानी मन के आसरा पूरा द हो ,
मन में तूही बsसल बारू रखs अंगिया से हमके लगाइ के ,
बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,

तन मिली त मनवा खिली जियरा भरी उड़ान हो ,
तहरे अईला से हो गोरिया आवे ला ईहा बहार हो ,
मुश्कि तोहार बा मनमोहन खुश बानी तोहे पाई के ,
बाली उमिरिया पतली कमरिया चलेलु तू इठालाइ के ,
At 8:29pm on July 19, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
भगवान (भ + ग + व + अ + न )
भ - भूमि, धरती
ग - गगन , आकाश ,
व - वायु , हवा ,
अ - आग अग्नि
न - नीर , जल पानी
ये पाँच तत्व से शरीर बना हैं,
ये बात मेरे बड़े भाई साहब बताये ,
अगर इस शरीर को उत्तम प्रवृति का बनाये ,
तो वो सर्वोतम हो जायेगा ,
और सर्व गुण संपन को भगवान कहते हैं |
At 10:33am on July 17, 2010, Team Admin said…
कमर तोड़ दी ये बेदर्द महंगाई ,
जीने नहीं देती हैं बेशर्म महंगाई ,
गेहू जो आज कल राशन में आता हैं ,
तीन दिन तक भोजन चल पाता हैं ,
सत्ताईस की हर दम रहती है जोहाई,
कमर तोड़ दी ये बेदर्द महंगाई ,
चीनी के दाम बढे आलू रुलाता हैं ,
चावल लेने में आसू आ जाता हैं ,
नौकरी नहीं हैं करता खेती बारी ,
बारिश ना होती हैं जाती जान हमारी ,
बचालो जीवन मेरा सरकार दुहाई ,
कमर तोड़ दी ये बेदर्द महंगाई ,
At 2:56pm on July 2, 2010, Prabhakar Pandey said…
रवि भाई...हमार नया नंबर 8975941372
At 7:02pm on June 23, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
आपन दुःख केकरा से कही ,
इहा के बाटे सुने वाला ,
हर तरफ अन्धिआर भइल बा ,
धधकत बा दहेज के ज्वाला ,

बेटी के बाप त हमहू बानी ,
बड़ी मुश्किल से पढ़वले बानी ,
हम खइनी आधापेट हरदम ,
बेटी के करौनी हमहू बी कॉम ,

लईका बढ़िया खोजत बानी ,
दहेज़ के बिना बाटे परेशानी ,
अब सोचत बानी काहे पढ़वनी,
जन्मते काहे ना नमक चटवनी,

मर गइल रहित इहो तबही ,
इ परेशानी ना आइत अबही ,
एय लईका वाला तनी बुझs ,
हमहू पढ़वनी तनिका समझs ,

जवन कमाई तुहू पईबs ,
हमरा घरे नाही पेठइबs ,
आउर एक बात बाबू तू जान ,
लईकी लईका में अंतर ना रख ,

लईकी बिन तोहर लईका कुवारा ,
ना मिली दुल्हिन बनी आवारा ,
तब तुहू खूब पछतइबs ,
तब तुहू गुरु के संगे ना पईबs ,

तब तुहू कहबs भाई हमार हो ,
आपन दुःख केकरा से कही ,
इहा के बाटे सुने वाला ||
At 4:30pm on May 8, 2010, asha pandey ojha said…
गुनाहगारो के लिए वरदान ,
बेगुनाहों के लिए अभिशाप ,
कारन तारीख पर तारीख ,
बेगुनाह हो जाते हैं फक्कर ,
कानून का चक्कर ,
अब देखिये कसाब को ,
जो बना एक सौ से ज्यादा bahut hee sahee likha hai aapne ...

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