Comments - छोड़ दो काफ़ी सियासत हो गयी है - Open Books Online2024-03-29T15:53:16Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A998399&xn_auth=noआदरणीय विनय निकोरे सर सादर आभ…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9996182020-01-15T01:59:03.443Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय विनय निकोरे सर सादर आभार।</p>
<p>आदरणीय विनय निकोरे सर सादर आभार।</p> आदरणय रवि भसीन जी, सादर आभारंtag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9995232020-01-15T01:58:30.680Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणय रवि भसीन जी, सादर आभारं</p>
<p>आदरणय रवि भसीन जी, सादर आभारं</p> आदरणीय सौरभ सर, सादर हार्दिक…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9995222020-01-15T01:58:01.941Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय सौरभ सर, सादर हार्दिक आभारं</p>
<p>आदरणीय सौरभ सर, सादर हार्दिक आभारं</p> आदरणीय भाई सुरेन्द्रनाथ जी, स…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9995212020-01-15T01:57:36.960Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय भाई सुरेन्द्रनाथ जी, सादर हार्दिक आभार</p>
<p>आदरणीय भाई सुरेन्द्रनाथ जी, सादर हार्दिक आभार</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादरa…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9995202020-01-15T01:56:58.441Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादरaabhaar</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादरaabhaar</p> eआदरणीय आशीष यादव जी, हार्दि…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9994192020-01-15T01:56:30.821Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>eआदरणीय आशीष यादव जी, हार्दिक आभारं</p>
<p>eआदरणीय आशीष यादव जी, हार्दिक आभारं</p> आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी, उत्…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-15:5170231:Comment:9995182020-01-15T01:55:57.420Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://www.openbooksonline.com/profile/28fn40mg3o5v9
<p>आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी, उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार</p>
<p>आदरणीय प्रदीप देवीशरण जी, उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार</p> गज़ल अच्छी बनी है। बधाई, मित्र…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-07:5170231:Comment:9986692020-01-07T09:38:53.760Zvijay nikorehttp://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>गज़ल अच्छी बनी है। बधाई, मित्र सतविन्द्र जी।</p>
<p>गज़ल अच्छी बनी है। बधाई, मित्र सतविन्द्र जी।</p> हर तरह से हो चुकी समझाइशें पर…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-07:5170231:Comment:9989092020-01-07T01:37:17.106ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>हर तरह से हो चुकी समझाइशें पर </p>
<p>नकचढ़ों को चिढ़ की आदत हो गयी है. </p>
<p></p>
<p>हार्दिक बधाइयाँ, भाई सतविंदर जी.. </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p>हर तरह से हो चुकी समझाइशें पर </p>
<p>नकचढ़ों को चिढ़ की आदत हो गयी है. </p>
<p></p>
<p>हार्दिक बधाइयाँ, भाई सतविंदर जी.. </p>
<p>शुभ-शुभ</p> आदरणीय सतविन्द्र कुमार राणा ज…tag:www.openbooksonline.com,2020-01-06:5170231:Comment:9986532020-01-06T14:12:14.595Zरवि भसीन 'शाहिद'http://www.openbooksonline.com/profile/RaviBhasin
<p>आदरणीय सतविन्द्र कुमार राणा जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें। ख़ास तौर से आपका ये शे'अर बहुत अच्छा लगा:<br/>कौम के अच्छे की खातिर काम हो अब<br/>छोड़ दो काफ़ी सियासत हो गयी है</p>
<p>आदरणीय सतविन्द्र कुमार राणा जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें। ख़ास तौर से आपका ये शे'अर बहुत अच्छा लगा:<br/>कौम के अच्छे की खातिर काम हो अब<br/>छोड़ दो काफ़ी सियासत हो गयी है</p>