Comments - कुण्डलिया (रख आश्रम माँ बाप को) - Open Books Online2024-03-28T18:23:08Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A995392&xn_auth=noआद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी स…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-08:5170231:Comment:9957762019-11-08T23:55:04.947Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए आभार। सादर</p>
<p>आद0 लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी सादर अभिवादन। रचना पर आपकी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए आभार। सादर</p> आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्त…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-08:5170231:Comment:9956792019-11-08T21:54:15.652Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
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<p>आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्तम कुंडलियाँ हुई हैं । हार्दिक बधाई।</p>
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<p>आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्तम कुंडलियाँ हुई हैं । हार्दिक बधाई।</p> आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्त…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-08:5170231:Comment:9958472019-11-08T14:44:54.186Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
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<p>आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्तम कुंडलियाँ हुई हैं । हार्दिक बधाई।</p>
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<p>आ. भाई सुरेंद्र सिह जी, उत्तम कुंडलियाँ हुई हैं । हार्दिक बधाई।</p> आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-04:5170231:Comment:9955042019-11-04T15:06:03.671Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना को आपका आशीष मिला,, लिखना सार्थक हुआ। मुझ जैसे साहित्यकार के लिए आपकी प्रतिक्रिया बेहद जरूरी है। बहुत बहुत आभार आपका। स्नेह बनाये रखें। सादर</p>
<p>आद0 समर कबीर साहब सादर प्रणाम। रचना को आपका आशीष मिला,, लिखना सार्थक हुआ। मुझ जैसे साहित्यकार के लिए आपकी प्रतिक्रिया बेहद जरूरी है। बहुत बहुत आभार आपका। स्नेह बनाये रखें। सादर</p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आद…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-04:5170231:Comment:9956372019-11-04T08:51:43.053ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छा कुण्डलिया छन्द लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,अच्छा कुण्डलिया छन्द लिखा आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> आद0 सौरभ पाण्डेय जी सादर प्र…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-02:5170231:Comment:9954822019-11-02T11:17:50.042Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p> आद0 सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए एक पुरस्कार होता है। अपने बहुमूल्य समय में से कुछ समय आपने इस रचना पर दिया और अपनी प्रतिक्रिया से मुझे उत्साहित किया,, उसके लिए हृदय तल से आभार। बहुत दिन से छंद लेखन से दूर रहने के बाद यह पहली रचना है। पुनः आभार। सादर</p>
<p> आद0 सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम। आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए एक पुरस्कार होता है। अपने बहुमूल्य समय में से कुछ समय आपने इस रचना पर दिया और अपनी प्रतिक्रिया से मुझे उत्साहित किया,, उसके लिए हृदय तल से आभार। बहुत दिन से छंद लेखन से दूर रहने के बाद यह पहली रचना है। पुनः आभार। सादर</p> आद0 डॉ. विजय शंकर जी सादर अभि…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-02:5170231:Comment:9954802019-11-02T11:13:04.283Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 डॉ. विजय शंकर जी सादर अभिवादन। आपने अपना बहुमूल्य समय मेरी रचना पर देकर उसे अपने शब्दों से अलंकृत किया। बहुत बहुत आभार आपका। सादर</p>
<p>आद0 डॉ. विजय शंकर जी सादर अभिवादन। आपने अपना बहुमूल्य समय मेरी रचना पर देकर उसे अपने शब्दों से अलंकृत किया। बहुत बहुत आभार आपका। सादर</p> आम जन-मानस को सदिश करती कुण्…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-02:5170231:Comment:9954782019-11-02T08:36:32.520ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
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<p>आम जन-मानस को सदिश करती कुण्डलिया छंद के लिए हार्दिक बधाइयाँ , आदरणीय सुरेन्द्र जी</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>आम जन-मानस को सदिश करती कुण्डलिया छंद के लिए हार्दिक बधाइयाँ , आदरणीय सुरेन्द्र जी</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p></p> आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक…tag:www.openbooksonline.com,2019-11-02:5170231:Comment:9956072019-11-02T03:26:02.524ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी , बहुत ही संवेदनशील विषय पर प्रस्तुत रचना है , बहुत ही सटीक , हार्दिक बधाई , सादर .</p>
<p>आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी , बहुत ही संवेदनशील विषय पर प्रस्तुत रचना है , बहुत ही सटीक , हार्दिक बधाई , सादर .</p>