Comments - अहसास की ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T13:24:22Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A993819&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीय समर कबी…tag:www.openbooksonline.com,2019-10-04:5170231:Comment:9936972019-10-04T11:11:47.111Zमनोज अहसासhttp://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय समर कबीर साहब</p>
<p>आपकी बहुमूल्य इस्लाह के बिना ग़ज़ल अधूरी रह जाती है</p>
<p>आशीर्वाद बनाये रखिये</p>
<p>सादर</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय समर कबीर साहब</p>
<p>आपकी बहुमूल्य इस्लाह के बिना ग़ज़ल अधूरी रह जाती है</p>
<p>आशीर्वाद बनाये रखिये</p>
<p>सादर</p> हार्दिक आभार आदरणीय ब्रज जी
स…tag:www.openbooksonline.com,2019-10-04:5170231:Comment:9939542019-10-04T11:09:42.589Zमनोज अहसासhttp://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>हार्दिक आभार आदरणीय ब्रज जी</p>
<p>सादर</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय ब्रज जी</p>
<p>सादर</p> जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल क…tag:www.openbooksonline.com,2019-10-04:5170231:Comment:9937582019-10-04T05:47:20.553ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'जैसे तुमने ठुकराया है मेरे दिल की ख्वाहिश को, </span><br/><span>हम भी तेरी दुनिया इक दिन ऐसे ही ठुकरा देंगे'</span></p>
<p><span>इस शैर में शुतरगुरबा दोष है,देखियेगा ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'सपनों के सौदागर बैठे हैं ऊंचे सिंहासन पर'</span></p>
<p><span>ये मिसरा लय में नहीं है,देखियेगा ।</span></p>
<p>जनाब मनोज अहसास जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'जैसे तुमने ठुकराया है मेरे दिल की ख्वाहिश को, </span><br/><span>हम भी तेरी दुनिया इक दिन ऐसे ही ठुकरा देंगे'</span></p>
<p><span>इस शैर में शुतरगुरबा दोष है,देखियेगा ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'सपनों के सौदागर बैठे हैं ऊंचे सिंहासन पर'</span></p>
<p><span>ये मिसरा लय में नहीं है,देखियेगा ।</span></p> वाह क्या बात आदरणीय मनोज जी ब…tag:www.openbooksonline.com,2019-10-01:5170231:Comment:9937322019-10-01T06:37:32.170Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>वाह क्या बात आदरणीय मनोज जी बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल कही है</p>
<p>वाह क्या बात आदरणीय मनोज जी बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल कही है</p>