Comments - दु:स्वप्न (लघुकथा ) - Open Books Online2024-03-29T08:33:36Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A992302&xn_auth=noआ० सरना जी आपकी स्नेहिल तीफे…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-24:5170231:Comment:9927902019-09-24T08:18:56.536Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० सरना जी आपकी स्नेहिल तीफेतु सादर आभार I </p>
<p>आ० सरना जी आपकी स्नेहिल तीफेतु सादर आभार I </p> आ० समर कबीर सर , बहु आभार आपक…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-24:5170231:Comment:9928632019-09-24T08:17:41.398Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० समर कबीर सर , बहु आभार आपका I </p>
<p>आ० समर कबीर सर , बहु आभार आपका I </p> आ० तेजवीर जी , आपका बहुत बहुत…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-24:5170231:Comment:9928612019-09-24T08:17:05.657Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० तेजवीर जी , आपका बहुत बहुत शुक्रिया I </p>
<p>आ० तेजवीर जी , आपका बहुत बहुत शुक्रिया I </p> वाह आदरणीय इस अनुपम गहन अभिव्…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-23:5170231:Comment:9928522019-09-23T14:01:56.614ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>वाह आदरणीय इस अनुपम गहन अभिव्यक्ति से युक्त लघु कथा के लिए दिल से बधाई।</p>
<p>वाह आदरणीय इस अनुपम गहन अभिव्यक्ति से युक्त लघु कथा के लिए दिल से बधाई।</p> जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-23:5170231:Comment:9928382019-09-23T08:51:59.177ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई,बधाई स्वीकार करें ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल…tag:www.openbooksonline.com,2019-09-20:5170231:Comment:9925212019-09-20T14:23:23.465ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी। बेहतरीन प्रस्तुति।एक पौराणिक प्रसंग को अति सुंदर तरीके से लघुकथा में पिरोने के लिये साधुवाद।</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी। बेहतरीन प्रस्तुति।एक पौराणिक प्रसंग को अति सुंदर तरीके से लघुकथा में पिरोने के लिये साधुवाद।</p>