Comments - अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब - सलीम रज़ा रीवा - Open Books Online2024-03-28T14:46:07Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A982911&xn_auth=noजनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब, अच्…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-02:5170231:Comment:9832582019-05-02T06:08:19.535ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p> जनाब सलीम रज़ा साहिब, गज़ब के…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-02:5170231:Comment:9832562019-05-02T05:26:46.958ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब सलीम रज़ा साहिब, गज़ब के एहसास से सजी उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं I </p>
<p>जनाब सलीम रज़ा साहिब, गज़ब के एहसास से सजी उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं I </p> आद0 सलीम साहब सादर अभिवादन। ग़…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-01:5170231:Comment:9830622019-05-01T12:37:28.274Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 सलीम साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपको दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ</p>
<p>आद0 सलीम साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपको दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ</p> अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-01:5170231:Comment:9831302019-05-01T09:45:24.417ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब</p>
<p>और ख़ुश्बू निचो रही है शब</p>
<p>oo</p>
<p>मेरे ख़ाबों की ओढ़कर चादर</p>
<p>मेरे बिस्तर पे सो रही है शब</p>
<p>आदरणीय सलीम रजा रीवा साहिब , आदाब। ... गज़ब के अहसास पिरोये हैं आपने ग़ज़ल में । आपकी कल्पना और कलम को सलाम। दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।</p>
<p>अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब</p>
<p>और ख़ुश्बू निचो रही है शब</p>
<p>oo</p>
<p>मेरे ख़ाबों की ओढ़कर चादर</p>
<p>मेरे बिस्तर पे सो रही है शब</p>
<p>आदरणीय सलीम रजा रीवा साहिब , आदाब। ... गज़ब के अहसास पिरोये हैं आपने ग़ज़ल में । आपकी कल्पना और कलम को सलाम। दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।</p> आदरणीय सलीम रज़ा साहब, आदाब. स…tag:www.openbooksonline.com,2019-04-30:5170231:Comment:9832302019-04-30T18:44:25.084Zराज़ नवादवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/RazNawadwi
<p>आदरणीय सलीम रज़ा साहब, आदाब. सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे बधाई क़ुबूल करें. सादर. </p>
<p>आदरणीय सलीम रज़ा साहब, आदाब. सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे बधाई क़ुबूल करें. सादर. </p> आदरणीय सलीम जी को सादर नमस्का…tag:www.openbooksonline.com,2019-04-30:5170231:Comment:9827972019-04-30T08:34:11.260Zबसंत कुमार शर्माhttp://www.openbooksonline.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>आदरणीय सलीम जी को सादर नमस्कार, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई, बधाई आपको </p>
<p>आदरणीय सलीम जी को सादर नमस्कार, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई, बधाई आपको </p>