Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T09:52:20Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A974016&xn_auth=noआ0 सुशील सरना साहब हार्दिक आभ…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-13:5170231:Comment:9745882019-02-13T15:09:27.384ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 सुशील सरना साहब हार्दिक आभार </p>
<p>आ0 सुशील सरना साहब हार्दिक आभार </p> आ गुरुदेव कबीर साहब हार्दिक आ…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-13:5170231:Comment:9746742019-02-13T15:08:56.878ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ गुरुदेव कबीर साहब हार्दिक आभार और नमन ।</p>
<p>आ गुरुदेव कबीर साहब हार्दिक आभार और नमन ।</p> फ़ना के बाद भी अपनी निशानी छोड़…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-12:5170231:Comment:9745752019-02-12T14:30:22.396ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>फ़ना के बाद भी अपनी निशानी छोड़ आये हैं ।</p>
<p>जिसे तुम याद रक्खो वो कहानी छोड़ आए हैं ।।</p>
<p>सुकूँ मिलता हमें कैसे यहां परदेश में आकर ।</p>
<p>विलखती मां की आंखों में जो पानी छोड़ आये हैं ।।</p>
<p>वाह आदरणीय <span>डॉ नवीन मणि त्रिपाठी </span>जी वाह इतने खूबसूरत अशआर कहने के लिए दिल की गहराईयों से बधाई कबूल फरमाएं सर।</p>
<p>फ़ना के बाद भी अपनी निशानी छोड़ आये हैं ।</p>
<p>जिसे तुम याद रक्खो वो कहानी छोड़ आए हैं ।।</p>
<p>सुकूँ मिलता हमें कैसे यहां परदेश में आकर ।</p>
<p>विलखती मां की आंखों में जो पानी छोड़ आये हैं ।।</p>
<p>वाह आदरणीय <span>डॉ नवीन मणि त्रिपाठी </span>जी वाह इतने खूबसूरत अशआर कहने के लिए दिल की गहराईयों से बधाई कबूल फरमाएं सर।</p>