Comments - चारण हूँ मद्दाह नहीं मैं सच लिक्खूंगा-बोलूँगा - बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’ - Open Books Online2024-03-29T11:27:22Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A972912&xn_auth=noआदरणीय लक्ष्मण साहेब .......न…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-11:5170231:Comment:9744882019-02-11T17:47:56.521ZDR. BAIJNATH SHARMA'MINTU'http://www.openbooksonline.com/profile/BAIJNATHSHARMAMINTU
<p>आदरणीय लक्ष्मण साहेब .......नमन व शुक्रिया </p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण साहेब .......नमन व शुक्रिया </p> आदरणीय समर साहेब ....नमन व शु…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-11:5170231:Comment:9745382019-02-11T17:46:50.818ZDR. BAIJNATH SHARMA'MINTU'http://www.openbooksonline.com/profile/BAIJNATHSHARMAMINTU
<p>आदरणीय समर साहेब ....नमन व शुक्रिया ...............आप बिलकुल सही हरमा रहे हैं </p>
<p>आदरणीय समर साहेब ....नमन व शुक्रिया ...............आप बिलकुल सही हरमा रहे हैं </p> आ. मिंंटू जी, अच्छी गजल हुयी…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-05:5170231:Comment:9729282019-02-05T01:39:37.707Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. मिंंटू जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. मिंंटू जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p> जनाब मिंटू जी आदाब,ग़ज़ल का प्र…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-04:5170231:Comment:9727822019-02-04T16:21:01.128ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मिंटू जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p>'<span>मंदिर-मस्ज़िद-धर्मों-मज़हब रक्षित औ महफूज़ हैं फिर'</span></p>
<p><span>'धर्म' और 'मज़हब' तो एक ही हैं न?</span></p>
<p>जनाब मिंटू जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p>'<span>मंदिर-मस्ज़िद-धर्मों-मज़हब रक्षित औ महफूज़ हैं फिर'</span></p>
<p><span>'धर्म' और 'मज़हब' तो एक ही हैं न?</span></p>