Comments - ग़ज़ल : मैं अपने आप को दफ़ना रहा हूँ - Open Books Online2024-03-29T12:58:59Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A972467&xn_auth=no'मुहब्बत रात दिन करनी थी तुमस…tag:www.openbooksonline.com,2019-07-20:5170231:Comment:9876712019-07-20T06:06:48.576ZAjay Tiwarihttp://www.openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>'मुहब्बत रात दिन करनी थी तुमसे</p>
<p>तुम्हीं से रात दिन लड़ता रहा हूँ'</p>
<p></p>
<p>बहुत खूब!</p>
<p></p>
<p>आदरणीय महेंद्र जी, ख़ूबसूरत अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.</p>
<p>'मुहब्बत रात दिन करनी थी तुमसे</p>
<p>तुम्हीं से रात दिन लड़ता रहा हूँ'</p>
<p></p>
<p>बहुत खूब!</p>
<p></p>
<p>आदरणीय महेंद्र जी, ख़ूबसूरत अशआर हुए हैं. हार्दिक बधाई.</p> क्या बात है लाजवाब | समर सर क…tag:www.openbooksonline.com,2019-05-27:5170231:Comment:9847442019-05-27T10:19:05.579Zगिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'http://www.openbooksonline.com/profile/GIRDHARISINGHGAHLO
<p>क्या बात है लाजवाब | समर सर की इस्लाह भी लाजवाब | </p>
<p>क्या बात है लाजवाब | समर सर की इस्लाह भी लाजवाब | </p> उम्दा ग़ज़ल और लाजवाब शेर ...
ब…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-20:5170231:Comment:9755242019-02-20T06:47:49.876Zदिगंबर नासवाhttp://www.openbooksonline.com/profile/DigamberNaswa
<p>उम्दा ग़ज़ल और लाजवाब शेर ...</p>
<p>बहुत बधाई </p>
<p>उम्दा ग़ज़ल और लाजवाब शेर ...</p>
<p>बहुत बधाई </p> आदरणीय महेंद्र जी, ख़ूबसूरत ग़ज़…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-11:5170231:Comment:9746162019-02-11T17:26:42.719ZBalram Dhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/BalramDhakar
<p>आदरणीय महेंद्र जी, ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई, इस शानदार ग़ज़ल के लिए।</p>
<p>सादर।</p>
<p>आदरणीय महेंद्र जी, ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई, इस शानदार ग़ज़ल के लिए।</p>
<p>सादर।</p> आद0 महेंद्र जी सादर अभिवादन।…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-02:5170231:Comment:9726462019-02-02T10:39:38.240Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 महेंद्र जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। आद0 समर कबीर साहब की इस्लाह भी उत्तम। बहुत बहुत बधाई आपको इस सृजन पर</p>
<p>आद0 महेंद्र जी सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। आद0 समर कबीर साहब की इस्लाह भी उत्तम। बहुत बहुत बधाई आपको इस सृजन पर</p> जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-01:5170231:Comment:9727122019-02-01T16:23:52.353ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p>'<span>वहाँ दुनिया को तू अपना रही है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ करना उचित होगा:-</span></p>
<p><span>'वहाँ दुनिया को तुम अपना रहे हो'</span></p>
<p><span>कारण ये कि उर्दू शाइरी में महबूब को स्त्रीलिंग नहीं लेते ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'उठा कर हाथ से ये लाश अपनी'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ करना उचित होगा:-</span></p>
<p><span>'उठा कर लाश ये हाथों से अपने'…</span></p>
<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p>'<span>वहाँ दुनिया को तू अपना रही है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ करना उचित होगा:-</span></p>
<p><span>'वहाँ दुनिया को तुम अपना रहे हो'</span></p>
<p><span>कारण ये कि उर्दू शाइरी में महबूब को स्त्रीलिंग नहीं लेते ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'उठा कर हाथ से ये लाश अपनी'</span></p>
<p><span>इस मिसरे को यूँ करना उचित होगा:-</span></p>
<p><span>'उठा कर लाश ये हाथों से अपने'</span></p>
<p style="text-align: center;"><span>कारण ये कि एक हाथ से लाश उठाना मुमकिन नहीं ।</span></p>
<p style="text-align: center;"></p>
<p style="text-align: center;"></p>
<p>'पढ़ा इक लफ़्ज़ भी उसने ने मेरा'</p>
<p>इस मिसरे में 'ने' को "न" कर लें ।</p> जनाब महेंद्र कुमार जी, आदाब उ…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-01:5170231:Comment:9726222019-02-01T04:20:56.158ZSurkhab Basharhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurkhabBashar
<p>जनाब महेंद्र कुमार जी, आदाब उम्दा ग़ज़ल के लिये मुबारक बाद कुबूल करें</p>
<p>जनाब महेंद्र कुमार जी, आदाब उम्दा ग़ज़ल के लिये मुबारक बाद कुबूल करें</p> आ. भाई महेंद्र जी, अच्छी गजल…tag:www.openbooksonline.com,2019-02-01:5170231:Comment:9726202019-02-01T00:50:38.965Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई महेंद्र जी, अच्छी गजल हुयी है हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई महेंद्र जी, अच्छी गजल हुयी है हार्दिक बधाई ।</p>