Comments - मेरे घर अब उजाला बन के मुझमे कौन रहता है - Open Books Online2024-03-29T02:28:02Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A969776&xn_auth=noआदरणीय आमोद जी, अच्छी ग़ज़ल हुई…tag:www.openbooksonline.com,2019-01-24:5170231:Comment:9710232019-01-24T11:53:31.122ZAjay Tiwarihttp://www.openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय आमोद जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p>
<p>आदरणीय आमोद जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई.</p> जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल…tag:www.openbooksonline.com,2019-01-19:5170231:Comment:9702242019-01-19T17:49:04.741ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>बह्र पर आपकी पकड़ अच्छी हो गई है,लेकिन शिल्प और व्याकरण पर अभी अभ्यास की ज़रूरत है,इस पर विचार करें ।</p>
<p></p>
<p>'<span>तुम्हारा प्यार, तुम सा यार तेरी यादें वो सारी।</span><br/><span>भुला हर कुछ अवारा बनके मुझमे कौन रहता है'</span></p>
<p><span>इस शैर के ऊला मिसरे में शुतरगुरबा दोष है,और सानी मिसरे में 'अवारा' अशुद्ध शब्द है,शुद्ध शब्द है "आवारा",देखियेगा ।</span></p>
<p>जनाब आमोद बिंदौरी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>बह्र पर आपकी पकड़ अच्छी हो गई है,लेकिन शिल्प और व्याकरण पर अभी अभ्यास की ज़रूरत है,इस पर विचार करें ।</p>
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<p>'<span>तुम्हारा प्यार, तुम सा यार तेरी यादें वो सारी।</span><br/><span>भुला हर कुछ अवारा बनके मुझमे कौन रहता है'</span></p>
<p><span>इस शैर के ऊला मिसरे में शुतरगुरबा दोष है,और सानी मिसरे में 'अवारा' अशुद्ध शब्द है,शुद्ध शब्द है "आवारा",देखियेगा ।</span></p>