Comments - सारे जहाँ से अच्छा (कहानी ) - Open Books Online2024-03-28T10:47:33Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A964933&xn_auth=noबहुत ज़बरदस्त लघुकथा लिखी है आ…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-13:5170231:Comment:9651662018-12-13T10:29:52.352ZAlok Rawathttp://www.openbooksonline.com/profile/AlokRawat
<p>बहुत ज़बरदस्त लघुकथा लिखी है आदरणीय डॉक्टर श्रीवास्तव जी। बहुत करारा व्यंग्य है।</p>
<p>बहुत ज़बरदस्त लघुकथा लिखी है आदरणीय डॉक्टर श्रीवास्तव जी। बहुत करारा व्यंग्य है।</p> आ० समर कबीर साहेब. बहुत बहुत…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-08:5170231:Comment:9648872018-12-08T16:24:03.424Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० समर कबीर साहेब. बहुत बहुत शुक्रिया . </p>
<p>आ० समर कबीर साहेब. बहुत बहुत शुक्रिया . </p> आ० शेख शहजाद उस्मानी साहब , आ…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-08:5170231:Comment:9647792018-12-08T16:23:22.385Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>आ० शेख शहजाद उस्मानी साहब , आपका हार्दिक आभार </p>
<p>आ० शेख शहजाद उस्मानी साहब , आपका हार्दिक आभार </p> जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9650082018-12-07T15:35:44.304ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,बहुत उम्दा,तंज़ आमेज़,कहानी लिखी है आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,बहुत उम्दा,तंज़ आमेज़,कहानी लिखी है आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> कुछ लघुकथाएं समेटे हुए भी है।…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9647672018-12-07T14:03:46.657ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>कुछ लघुकथाएं समेटे हुए भी है। आशा है आप इस रचना में से दो-चार तीखी/मारक लघुकथाएं भी कहना चाहेंगे।</p>
<p>कुछ लघुकथाएं समेटे हुए भी है। आशा है आप इस रचना में से दो-चार तीखी/मारक लघुकथाएं भी कहना चाहेंगे।</p> आदाब। बेहतरीन मार्मिक, कटाक्ष…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9647652018-12-07T14:00:53.605ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p style="text-align: left;">आदाब। बेहतरीन मार्मिक, कटाक्षपूर्ण, यथार्थपूर्ण चेतना देता विचारोत्तेजक सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. <em><strong>गोपाल नारायण श्रीवास्तव</strong></em> साहिब। भिखारी/ दिलेर जागृत लड़की /लंगड़ा और ढोंगी/कपटी राजनीति/राजनेताओं के साथ कटाक्षपूर्ण शीर्षक वाले तराने के चित्रण के साथ बेहतरीन प्रवाहमय रचना पाठक को झकझोरते हुए, भिखारी के जीने-मरने की संभावित परिणति के बीच आशा और जिजीविषा से दो-चार कराती हुई कहानी के गुणधर्म समेटे बेहतरीन क्लाइमेक्स पर पाठक को पहुंचाकर…</p>
<p style="text-align: left;">आदाब। बेहतरीन मार्मिक, कटाक्षपूर्ण, यथार्थपूर्ण चेतना देता विचारोत्तेजक सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. <em><strong>गोपाल नारायण श्रीवास्तव</strong></em> साहिब। भिखारी/ दिलेर जागृत लड़की /लंगड़ा और ढोंगी/कपटी राजनीति/राजनेताओं के साथ कटाक्षपूर्ण शीर्षक वाले तराने के चित्रण के साथ बेहतरीन प्रवाहमय रचना पाठक को झकझोरते हुए, भिखारी के जीने-मरने की संभावित परिणति के बीच आशा और जिजीविषा से दो-चार कराती हुई कहानी के गुणधर्म समेटे बेहतरीन क्लाइमेक्स पर पाठक को पहुंचाकर यथार्थपूर्ण समापन पर पहुंचाकर बेहतरीन व्यंगात्मक पंक्तियों के साथ विचार-मंथन पर छोड़ती है। सादर हार्दिक आभार समसामयिक अत्यावश्यक सम्प्रेषण हेतु।</p>