Comments - एक ग़ज़ल इस्लाह के लिए - Open Books Online2024-03-28T17:08:43Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A964851&xn_auth=noसभी सम्मानीय ,आदरणीय गुणी जनो…tag:www.openbooksonline.com,2019-01-24:5170231:Comment:9707212019-01-24T04:17:02.871Zमनोज अहसासhttp://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>सभी सम्मानीय ,आदरणीय गुणी जनों का हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p>
<p>सभी सम्मानीय ,आदरणीय गुणी जनों का हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p> भाई मनोज जी, सबसे पहले तो अच्…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-10:5170231:Comment:9652082018-12-10T14:15:39.375Zअजय गुप्ता 'अजेयhttp://www.openbooksonline.com/profile/3tuckjroyzywi
<p>भाई मनोज जी, सबसे पहले तो अच्छी ग़ज़ल और अलग अंदाज़ अशार के लिए बधाई. अब आपकी ग़ज़ल पर आते है.</p>
<p></p>
<p>///वेदना के पल कुँवारे ले चलो<br></br>कुछ तो जीने के सहारे ले चलो</p>
<p>--मतला पढने में अच्छा लग रहा है.</p>
<p></p>
<p>/////दिल बहुत मायूस है परदेस में<br></br>बस हमें अब घर हमारे ले चलो</p>
<p>---- घर तो परदेस में भी होता है. देस अब हमको हमारे ले चलो. कुछ इस तरह कीजिये </p>
<p></p>
<p>////झील सी आंखों में हैं खामोशियाँ<br></br>थोड़े से सपने उधारे ले चलो</p>
<p>----झील, ख़ामोशी, सपने. इस शेर में तो…</p>
<p>भाई मनोज जी, सबसे पहले तो अच्छी ग़ज़ल और अलग अंदाज़ अशार के लिए बधाई. अब आपकी ग़ज़ल पर आते है.</p>
<p></p>
<p>///वेदना के पल कुँवारे ले चलो<br/>कुछ तो जीने के सहारे ले चलो</p>
<p>--मतला पढने में अच्छा लग रहा है.</p>
<p></p>
<p>/////दिल बहुत मायूस है परदेस में<br/>बस हमें अब घर हमारे ले चलो</p>
<p>---- घर तो परदेस में भी होता है. देस अब हमको हमारे ले चलो. कुछ इस तरह कीजिये </p>
<p></p>
<p>////झील सी आंखों में हैं खामोशियाँ<br/>थोड़े से सपने उधारे ले चलो</p>
<p>----झील, ख़ामोशी, सपने. इस शेर में तो रब्त ही नहीं आ रहा.</p>
<p></p>
<p>///मैकदे में बंटती है अब भी शिफा<br/>मैकदे में ज़ख्म सारे ले चलो</p>
<p>---अच्छा शेर है </p>
<p></p>
<p>////दुनिया मे महफूज कोई भी नहीं<br/>साथ कितने भी सहारे ले चलो</p>
<p>---अच्छा है </p> आदरणीय मनोज कुमार जी, आदाब, स…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9650102018-12-07T15:45:16.604Zराज़ नवादवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/RazNawadwi
<p>आदरणीय मनोज कुमार जी, आदाब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए मुबारकबाद. सादर. </p>
<p>आदरणीय मनोज कुमार जी, आदाब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए मुबारकबाद. सादर. </p> जनाब मनोज कुमार अहसास जी आदाब…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9647682018-12-07T15:27:35.467ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मनोज कुमार अहसास जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>अरकान के बारे में क़मर साहिब बता ही चुके हैं ।</p>
<p>जनाब मनोज कुमार अहसास जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>अरकान के बारे में क़मर साहिब बता ही चुके हैं ।</p> आ. भाई मनोज जी, सुंदर गजल हुय…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9647022018-12-07T09:50:58.746Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई मनोज जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई मनोज जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p> बहुत बहुत शुक्रिया कमर जौनपुर…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-07:5170231:Comment:9649292018-12-07T05:35:21.868Zमनोज अहसासhttp://www.openbooksonline.com/profile/ManojkumarAhsaas
<p>बहुत बहुत शुक्रिया कमर जौनपुरी साहब</p>
<p>दरअसल दूसरी ग़ज़ल पोस्ट करनी थी और ये पोस्ट कर दी बहर पहले ही लिख दी थी</p>
<p>याद दिलाने के लिए हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया कमर जौनपुरी साहब</p>
<p>दरअसल दूसरी ग़ज़ल पोस्ट करनी थी और ये पोस्ट कर दी बहर पहले ही लिख दी थी</p>
<p>याद दिलाने के लिए हार्दिक आभार</p>
<p>सादर</p> अच्छी ग़ज़ल हुई है जनाब मनोज कु…tag:www.openbooksonline.com,2018-12-06:5170231:Comment:9647562018-12-06T19:27:18.956Zक़मर जौनपुरीhttp://www.openbooksonline.com/profile/Kamaruddin
<p>अच्छी ग़ज़ल हुई है जनाब मनोज कुमार एहसास जी। मुबारकबाद कबूल करें।</p>
<p>बहर आपने अलग लिख रखी है।</p>
<p>इसकी बहर है</p>
<p>2122 2122 212</p>
<p>अच्छी ग़ज़ल हुई है जनाब मनोज कुमार एहसास जी। मुबारकबाद कबूल करें।</p>
<p>बहर आपने अलग लिख रखी है।</p>
<p>इसकी बहर है</p>
<p>2122 2122 212</p>