Comments - 3 क्षणिकाएँ.... - Open Books Online2024-03-28T09:49:43Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A960897&xn_auth=no"आदरणीय vijay nikore जी सृजन…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-19:5170231:Comment:9616472018-11-19T11:31:43.832ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p><span>"आदरणीय </span> <span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore" class="fn url">vijay nikore</a></span><span> जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।</span></p>
<p><span>"आदरणीय </span> <span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore" class="fn url">vijay nikore</a></span><span> जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।</span></p> आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-16:5170231:Comment:9611642018-11-16T11:57:09.127ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन आपकी मुक्त कंठ से की गयी प्रशंसा का दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। आपकी हौसला अफ़ज़ाई का दिल से शुक्रिया । <br/>सर बड़ी ही ख़ूबसूरती से आपने क्षणिका को शेर में तब्दील किया है। आपका दिल से शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन आपकी मुक्त कंठ से की गयी प्रशंसा का दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। आपकी हौसला अफ़ज़ाई का दिल से शुक्रिया । <br/>सर बड़ी ही ख़ूबसूरती से आपने क्षणिका को शेर में तब्दील किया है। आपका दिल से शुक्रिया।</p> आदरणीय शेख़ उस्मानी साहिब, आदा…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-16:5170231:Comment:9613242018-11-16T11:54:32.340ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय शेख़ उस्मानी साहिब, आदाब ... सृजन आपकी मुक्त कंठ से की गयी प्रशंसा का दिल से शुक्रगुज़ार है , शुक्रिया ।</p>
<p>आदरणीय शेख़ उस्मानी साहिब, आदाब ... सृजन आपकी मुक्त कंठ से की गयी प्रशंसा का दिल से शुक्रगुज़ार है , शुक्रिया ।</p> आदरणीय राज़ नवादवी साहिब, आदाब…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-16:5170231:Comment:9610692018-11-16T11:52:54.289ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय राज़ नवादवी साहिब, आदाब ... सृजन पर आपकी मुक्त कंठ से प्रशंसा का दिल से शुक्रिया।</p>
<p>आदरणीय राज़ नवादवी साहिब, आदाब ... सृजन पर आपकी मुक्त कंठ से प्रशंसा का दिल से शुक्रिया।</p> आदरणीय क़मर जौनपुरी साहिब, आदा…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-16:5170231:Comment:9612462018-11-16T11:52:48.937ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय क़मर जौनपुरी साहिब, आदाब ... सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p>
<p>आदरणीय क़मर जौनपुरी साहिब, आदाब ... सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपके…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-15:5170231:Comment:9610542018-11-15T17:14:35.409ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपके लेखन की धार को देखकर अति प्रसन्नता हो रही है,तीनों क्षणिकाएँ बहुत उत्तम और लेखन का आला नमूना हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आपकी पहली क्षणिका को शैर में इस तरह ढाला जा सकता है:-</p>
<p></p>
<p>'लीन हैं तुम में मेरी कुछ तस्वीरें देखो याद रहे</p>
<p>खण्डित न हो जाएं ये भी इन पलकों की हलचल से'</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपके लेखन की धार को देखकर अति प्रसन्नता हो रही है,तीनों क्षणिकाएँ बहुत उत्तम और लेखन का आला नमूना हैं,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आपकी पहली क्षणिका को शैर में इस तरह ढाला जा सकता है:-</p>
<p></p>
<p>'लीन हैं तुम में मेरी कुछ तस्वीरें देखो याद रहे</p>
<p>खण्डित न हो जाएं ये भी इन पलकों की हलचल से'</p> वाह। पहली क्षणिका का समाधान स…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-15:5170231:Comment:9612252018-11-15T15:12:23.080ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>वाह। पहली क्षणिका का समाधान सा करती दूसरी बेहतरीन क्षणिका! किंतु परिदृश्य और परिस्थितियों अनुसार सवाल करती तीसरी बेहतरीन क्षणिका। हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>सुशील सरना</strong> साहिब।</p>
<p>वाह। पहली क्षणिका का समाधान सा करती दूसरी बेहतरीन क्षणिका! किंतु परिदृश्य और परिस्थितियों अनुसार सवाल करती तीसरी बेहतरीन क्षणिका। हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>सुशील सरना</strong> साहिब।</p> अनुभूतियाँ उक्केरती हैं जो आप…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-15:5170231:Comment:9611332018-11-15T08:20:12.960Zराज़ नवादवीhttp://www.openbooksonline.com/profile/RazNawadwi
<p>अनुभूतियाँ उक्केरती हैं जो आपकी क्षणिकाएँ, खुले नभ में जैसे चमकें हैं रात को मणिकाएं ! बहुत सुन्दर आदरणीय सुनील सरना जी. हार्दिक बधाई. सादर </p>
<p>अनुभूतियाँ उक्केरती हैं जो आपकी क्षणिकाएँ, खुले नभ में जैसे चमकें हैं रात को मणिकाएं ! बहुत सुन्दर आदरणीय सुनील सरना जी. हार्दिक बधाई. सादर </p> बेहतरीन रचना।tag:www.openbooksonline.com,2018-11-15:5170231:Comment:9610492018-11-15T05:23:34.924Zक़मर जौनपुरीhttp://www.openbooksonline.com/profile/Kamaruddin
बेहतरीन रचना।
बेहतरीन रचना। "आदरणीय narendrasinh chauhan…tag:www.openbooksonline.com,2018-11-14:5170231:Comment:9609922018-11-14T13:03:45.472ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>"आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan" class="fn url">narendrasinh chauhan</a> जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।</p>
<p>"आदरणीय <span> </span><a href="http://www.openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan" class="fn url">narendrasinh chauhan</a> जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार।</p>