Comments - मस्तिष्क और हृदय - Open Books Online2024-03-29T11:29:42Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A952747&xn_auth=noआदरणीय डॉ छोटेलाल जी, प्रणाम!…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-16:5170231:Comment:9537182018-10-16T16:03:36.454ZV.M.''vrishty''http://www.openbooksonline.com/profile/Varshamishravrishty
आदरणीय डॉ छोटेलाल जी, प्रणाम! मुझे नही पता मेरी रचना आपकी इस तारीफ के काबिल है भी या नहीं। लेकिन अभिभूत हूँ मैं। बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद!
आदरणीय डॉ छोटेलाल जी, प्रणाम! मुझे नही पता मेरी रचना आपकी इस तारीफ के काबिल है भी या नहीं। लेकिन अभिभूत हूँ मैं। बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद! वाह वृष्टि जी आपकी सुधा वृष्ट…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-16:5170231:Comment:9537112018-10-16T09:51:18.481Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://www.openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
<p>वाह वृष्टि जी आपकी सुधा वृष्टि से मन अभिभूत हुआ इस कालजयी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई</p>
<p>वाह वृष्टि जी आपकी सुधा वृष्टि से मन अभिभूत हुआ इस कालजयी रचना के लिए बहुत बहुत बधाई</p> आदरणीया नीलम जी! रचना तक आने…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-14:5170231:Comment:9532432018-10-14T11:17:15.414ZV.M.''vrishty''http://www.openbooksonline.com/profile/Varshamishravrishty
आदरणीया नीलम जी! रचना तक आने एवं मेरे पुनर्बलन के लिए सादर धन्यवाद!
आदरणीया नीलम जी! रचना तक आने एवं मेरे पुनर्बलन के लिए सादर धन्यवाद! आदरणीया वृष्टि जी। अच्छी अतुक…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-13:5170231:Comment:9530342018-10-13T10:24:26.582ZNeelam Upadhyayahttp://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीया वृष्टि जी। अच्छी अतुकांत कविता की प्रस्तुति। बधाई।</p>
<p>आदरणीया वृष्टि जी। अच्छी अतुकांत कविता की प्रस्तुति। बधाई।</p> आद0 वी एम वृष्टि जी सादर अभिव…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-13:5170231:Comment:9531232018-10-13T07:48:36.221Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 वी एम वृष्टि जी सादर अभिवादन। बढिया अतुकांत सृजन हुआ है। बधाई</p>
<p>आद0 वी एम वृष्टि जी सादर अभिवादन। बढिया अतुकांत सृजन हुआ है। बधाई</p> //आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-13:5170231:Comment:9529732018-10-13T05:59:05.188ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>//<span>आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई//</span></p>
<p><span>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन</span></p>
<p><span>221 2121 1221 212</span></p>
<p><span>//ख़ाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे//</span></p>
<p><span>फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन</span></p>
<p><span>2122 1122 1122 22</span></p>
<p>//<span>आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई//</span></p>
<p><span>मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन</span></p>
<p><span>221 2121 1221 212</span></p>
<p><span>//ख़ाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे//</span></p>
<p><span>फ़ाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फ़ेलुन</span></p>
<p><span>2122 1122 1122 22</span></p> आदरणीय समर कबीर जी, आपसे निवे…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-12:5170231:Comment:9528622018-10-12T18:35:16.347ZV.M.''vrishty''http://www.openbooksonline.com/profile/Varshamishravrishty
<p>आदरणीय समर कबीर जी, आपसे निवेदन है कि क्या आप इन दोनों शेरो के मात्राओ का क्रम बताएंगे?.. क्योकि मेरी समझ के बाहर हो रहा ये।</p>
<p>सादर! शुभ रात्रि!</p>
<p>आदरणीय समर कबीर जी, आपसे निवेदन है कि क्या आप इन दोनों शेरो के मात्राओ का क्रम बताएंगे?.. क्योकि मेरी समझ के बाहर हो रहा ये।</p>
<p>सादर! शुभ रात्रि!</p> जी,ठीक है,प्रयासरत रहें ।tag:www.openbooksonline.com,2018-10-12:5170231:Comment:9530072018-10-12T15:43:56.808ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जी,ठीक है,प्रयासरत रहें ।</p>
<p>जी,ठीक है,प्रयासरत रहें ।</p> आदरणीय समर कबीर जी!
((कुछ भी…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-12:5170231:Comment:9526892018-10-12T10:56:33.048ZV.M.''vrishty''http://www.openbooksonline.com/profile/Varshamishravrishty
आदरणीय समर कबीर जी!<br />
((कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई<br />
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई))<br />
<br />
((अपने होने का हम इस तरह पता देते थे<br />
ख़ाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे))<br />
इन दो शेर में बह्र ठीक है????
आदरणीय समर कबीर जी!<br />
((कुछ भी बचा न कहने को हर बात हो गई<br />
आओ कहीं शराब पिएँ रात हो गई))<br />
<br />
((अपने होने का हम इस तरह पता देते थे<br />
ख़ाक मुट्ठी में उठाते थे, उड़ा देते थे))<br />
इन दो शेर में बह्र ठीक है???? आदरणीय समर कबीर जी! हार्दिक ध…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-12:5170231:Comment:9529372018-10-12T10:15:27.651ZV.M.''vrishty''http://www.openbooksonline.com/profile/Varshamishravrishty
आदरणीय समर कबीर जी! हार्दिक धन्यवाद! आपकी नज़र वाकई बहुत पारखी है। आपके सानिध्य में मेरी त्रुटियों में कमी आये तो ये मेरा सौभाग्य है। पुनः आभार!!
आदरणीय समर कबीर जी! हार्दिक धन्यवाद! आपकी नज़र वाकई बहुत पारखी है। आपके सानिध्य में मेरी त्रुटियों में कमी आये तो ये मेरा सौभाग्य है। पुनः आभार!!