Comments - दो धारी तलवार(लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T06:48:33Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A948292&xn_auth=noक्षेत्रीय बोली के पात्रों और…tag:www.openbooksonline.com,2018-10-29:5170231:Comment:9588632018-10-29T20:33:48.491ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>क्षेत्रीय बोली के पात्रों और संवादों में बेहतरीन रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया साहिबा। <b>कल्पना भट्ट </b>साहिबा।</p>
<p>क्षेत्रीय बोली के पात्रों और संवादों में बेहतरीन रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया साहिबा। <b>कल्पना भट्ट </b>साहिबा।</p> वक्त की मार है,बाढपीडित किसान…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-22:5170231:Comment:9496472018-09-22T15:16:01.077ZNita Kasarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NitaKasar
<p>वक्त की मार है,बाढपीडित किसानों को क़र्ज़ लेना पड़ा ।दरबदर भटकने से बेहतर रहा कि उन्होंने खेत में जाकर कार्य करने का सोचा ।बधाई कथा के लिये आद० कल्पना भट्ट जी ।</p>
<p>वक्त की मार है,बाढपीडित किसानों को क़र्ज़ लेना पड़ा ।दरबदर भटकने से बेहतर रहा कि उन्होंने खेत में जाकर कार्य करने का सोचा ।बधाई कथा के लिये आद० कल्पना भट्ट जी ।</p> आदरणीया कल्पना भट्ट जी, नमस्क…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-17:5170231:Comment:9489962018-09-17T10:04:54.373ZNeelam Upadhyayahttp://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी, नमस्कार। अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें । </p>
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी, नमस्कार। अच्छी लघुकथा की प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें । </p> एक किसान/निर्धन पर पड़ने वाली…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-15:5170231:Comment:9488892018-09-15T18:43:00.745ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>एक किसान/निर्धन पर पड़ने वाली दोहरी मार पर क्षेत्रीय भाषा में बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया <strong>कल्पना भट्ट</strong> साहिबा।</p>
<p>एक किसान/निर्धन पर पड़ने वाली दोहरी मार पर क्षेत्रीय भाषा में बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीया <strong>कल्पना भट्ट</strong> साहिबा।</p> बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,लघुक…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-14:5170231:Comment:9486412018-09-14T05:40:31.759ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,लघुकथा का प्रयास अच्छा है,लेकिन अभी कुछ और कसावट चाहता है,बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,लघुकथा का प्रयास अच्छा है,लेकिन अभी कुछ और कसावट चाहता है,बहरहाल इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> बढ़िया रचना हुई है आ कल्पना भट…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-13:5170231:Comment:9486112018-09-13T07:51:25.964Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बढ़िया रचना हुई है आ कल्पना भट्ट जी लेकिन अभी इसपर और प्रयास की जरुरत है. बधाई इस रचना के लिए</p>
<p>बढ़िया रचना हुई है आ कल्पना भट्ट जी लेकिन अभी इसपर और प्रयास की जरुरत है. बधाई इस रचना के लिए</p> आ. प्रतिभा बहन, शोषण को उभारत…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-12:5170231:Comment:9486092018-09-12T23:29:44.865Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. प्रतिभा बहन, शोषण को उभारती अच्छी कथा हुयी है । हार</p>
<p>दिक बधाई ।</p>
<p>आ. प्रतिभा बहन, शोषण को उभारती अच्छी कथा हुयी है । हार</p>
<p>दिक बधाई ।</p>