Comments - कोई और नहीं-- लघुकथा - Open Books Online2024-03-28T19:49:55Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A947983&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आ जवाहर लाल सि…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-14:5170231:Comment:9483882018-09-14T06:32:04.107Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत आभार आ जवाहर लाल सिंह साहब, ऐसे लोगों पर ही दुनिया टिकी है</p>
<p>बहुत बहुत आभार आ जवाहर लाल सिंह साहब, ऐसे लोगों पर ही दुनिया टिकी है</p> आदरणीय विनय कुमार जी, आपने सच…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-13:5170231:Comment:9485322018-09-13T14:59:39.412ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीय विनय कुमार जी, आपने सच्ची कथा लिख दी है. जबकि भागदौड़ की इस जिन्दगी में कोई भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मदद करने की जहमत नहीं उठाना चाहता पर कुछ लोग तो ऐसे होते ही हैं... मानवता अभी भी जिन्दा है कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में! सादर!</p>
<p>आदरणीय विनय कुमार जी, आपने सच्ची कथा लिख दी है. जबकि भागदौड़ की इस जिन्दगी में कोई भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को मदद करने की जहमत नहीं उठाना चाहता पर कुछ लोग तो ऐसे होते ही हैं... मानवता अभी भी जिन्दा है कहीं न कहीं किसी न किसी रूप में! सादर!</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ समर कबीर…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-10:5170231:Comment:9484072018-09-10T13:37:18.425Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ समर कबीर साहब</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ समर कबीर साहब</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ बबिता गु…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-10:5170231:Comment:9482672018-09-10T13:36:55.806Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ बबिता गुप्ता जी</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ बबिता गुप्ता जी</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ आशीष याद…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-10:5170231:Comment:9481062018-09-10T13:36:34.207Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Ashishyadav" class="fn url">आशीष यादव</a> साहब</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ <a href="http://www.openbooksonline.com/profile/Ashishyadav" class="fn url">आशीष यादव</a> साहब</p> बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहज़ा…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-10:5170231:Comment:9481912018-09-10T13:36:12.058Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहज़ाद उस्मानी साहब</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आ शेख शहज़ाद उस्मानी साहब</p> जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-09:5170231:Comment:9481842018-09-09T14:31:10.525ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p> सकारात्मक सोच के साथ मानवता अ…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-08:5170231:Comment:9480802018-09-08T17:16:15.312Zbabitaguptahttp://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>सकारात्मक सोच के साथ मानवता अभी ज़िंदा हैं,का संदेश देती बेहतरीन रचना,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय विनय सरजी.</p>
<p>सकारात्मक सोच के साथ मानवता अभी ज़िंदा हैं,का संदेश देती बेहतरीन रचना,हार्दिक बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय विनय सरजी.</p> सँदेसपरक। झटके से दिल तक को छ…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-08:5170231:Comment:9480722018-09-08T07:37:50.610Zआशीष यादवhttp://www.openbooksonline.com/profile/Ashishyadav
<p>सँदेसपरक। झटके से दिल तक को छू लिया।</p>
<p>सँदेसपरक। झटके से दिल तक को छू लिया।</p> बहुत ही समसामयिक मुद्दे पर सक…tag:www.openbooksonline.com,2018-09-07:5170231:Comment:9482202018-09-07T14:27:42.639ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>बहुत ही समसामयिक मुद्दे पर सकारात्मक, प्रेरक व विचारोत्तेजक रचना हेतु सादर हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>विनय कुमार</strong> साहिब।</p>
<p>बहुत ही समसामयिक मुद्दे पर सकारात्मक, प्रेरक व विचारोत्तेजक रचना हेतु सादर हार्दिक बधाई आदरणीय <strong>विनय कुमार</strong> साहिब।</p>