Comments - कोई देकर गया था इक खुशी यारो - गजल (लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" ) - Open Books Online2024-03-28T12:07:11Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A946345&xn_auth=noआ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन ।…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-29:5170231:Comment:9467242018-08-29T13:55:23.896Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p> आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-29:5170231:Comment:9465712018-08-29T11:23:47.713ZRavi Shuklahttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने उसके लिए मुबारकबाद कुबूल करें</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छी ग़ज़ल कही आपने उसके लिए मुबारकबाद कुबूल करें</p> आ. भाई नवीन जी, स्नेह के लिए…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9464692018-08-28T14:30:12.592Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नवीन जी, स्नेह के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई नवीन जी, स्नेह के लिए आभार ।</p> आ0 मुसाफ़िर साहब तहेदिल से बधा…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9464032018-08-28T13:17:36.887ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 मुसाफ़िर साहब तहेदिल से बधाई ।</p>
<p>आ0 मुसाफ़िर साहब तहेदिल से बधाई ।</p> आ. भाई तेजवीर जी, गजल की प्रश…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9464572018-08-28T08:58:10.843Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तेजवीर जी, गजल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई तेजवीर जी, गजल की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p> आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन ।…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9464012018-08-28T08:56:11.238Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और स्ने के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति और स्ने के लिए आभार ।</p> हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण ध…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9465402018-08-28T08:38:02.913ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>जमाना सारा ही दुश्मन हुआ है यूँ </span><br/><span>जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।</span></p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी। बेहतरीन गज़ल।</p>
<p><span>जमाना सारा ही दुश्मन हुआ है यूँ </span><br/><span>जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।</span></p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-28:5170231:Comment:9464442018-08-28T06:34:02.051ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।</p> आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभ…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9463782018-08-27T13:42:17.208Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति से उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई विजय निकोर जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति से उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p> //जमाना सारा ही दुश्मन हुआ ह…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-27:5170231:Comment:9464202018-08-27T08:47:17.267Zvijay nikorehttp://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>//<span>जमाना सारा ही दुश्मन हुआ है यूँ </span><br/><span>जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।//.....</span></p>
<p></p>
<p>वाह ! वाह !! बहुत ही खूबसूरत । हार्दिक बधाई, मित्र लक्ष्मण जी।</p>
<p>//<span>जमाना सारा ही दुश्मन हुआ है यूँ </span><br/><span>जरा सी सच बयानी हो गयी हमसे।३।//.....</span></p>
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<p>वाह ! वाह !! बहुत ही खूबसूरत । हार्दिक बधाई, मित्र लक्ष्मण जी।</p>