Comments - कुछ दोहे -लक्ष्मण धामी"मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-29T13:11:46Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A945319&xn_auth=noआ. भाई पंकज जी, सादर अभिवादन।…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-22:5170231:Comment:9456312018-08-22T11:30:31.091Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई पंकज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और नेक सलाह के लिए धन्यवाद</p>
<p>आ. भाई पंकज जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और नेक सलाह के लिए धन्यवाद</p> आखिरी दोहा यूं करें तो मात्रत…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-22:5170231:Comment:9454692018-08-22T06:43:27.921ZPankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"http://www.openbooksonline.com/profile/PankajKumarMishraVatsyayan
<p>आखिरी दोहा यूं करें तो मात्रतात्मक रूप से शुद्ध हो जाएगा........</p>
<p></p>
<p><strong>संस्कार की घूँट में, जाने क्या है खास</strong></p>
<p><strong>रिश्तों से आने लगी, अब तो खट्टी बास</strong></p>
<p>आखिरी दोहा यूं करें तो मात्रतात्मक रूप से शुद्ध हो जाएगा........</p>
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<p><strong>संस्कार की घूँट में, जाने क्या है खास</strong></p>
<p><strong>रिश्तों से आने लगी, अब तो खट्टी बास</strong></p> आ. भाई बसंत जी, दोहो की प्रशं…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9451872018-08-20T16:27:11.294Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई बसंत जी, दोहो की प्रशंसा और सलाह के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई बसंत जी, दोहो की प्रशंसा और सलाह के लिए आभार ।</p> बहुत सुंदर दोहे, परिमार्जन अप…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9452712018-08-20T14:30:22.255Zबसंत कुमार शर्माhttp://www.openbooksonline.com/profile/37vrpfxgzfdi8
<p>बहुत सुंदर दोहे, परिमार्जन अपेक्षित , बधाई आपको </p>
<p><span>बचा कहाँ कुछ खास भी कर सकते हैं, यदि उचित लगे </span></p>
<p>बहुत सुंदर दोहे, परिमार्जन अपेक्षित , बधाई आपको </p>
<p><span>बचा कहाँ कुछ खास भी कर सकते हैं, यदि उचित लगे </span></p> आ. नीलम जी, सादर अभिवादन । दो…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9451782018-08-20T14:23:32.497Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. नीलम जी, सादर अभिवादन । <span>दोहों की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</span></p>
<p>आ. नीलम जी, सादर अभिवादन । <span>दोहों की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</span></p> आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन ।…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9454202018-08-20T14:21:31.025Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । उपस्थिति से दोहों का मान बढ़ाने के लिए आभार । इंगित पंक्ति को इस प्रकार लें -</span></p>
<p><span>घुट्टी में सँस्कार की, ऐसा क्या अब खास</span></p>
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<p><span>आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन । उपस्थिति से दोहों का मान बढ़ाने के लिए आभार । इंगित पंक्ति को इस प्रकार लें -</span></p>
<p><span>घुट्टी में सँस्कार की, ऐसा क्या अब खास</span></p>
<p></p> आ. भाई आरिफ जी, सादर अभिवादन।…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9453792018-08-20T14:16:06.722Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई आरिफ जी, सादर अभिवादन। दोहों की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई आरिफ जी, सादर अभिवादन। दोहों की प्रशंसा कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p> आ. भाई नवीन जी, दोहों पर उपस्…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9454182018-08-20T14:13:06.598Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नवीन जी, दोहों पर उपस्थिति,प्रशंसा और त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए आभार । </p>
<p>मूल रूप में यह पंक्ति इस प्रकार है-</p>
<p>घुट्टी में सँस्कार की, ऐसा क्या अब खास</p>
<p>आ. भाई नवीन जी, दोहों पर उपस्थिति,प्रशंसा और त्रुटि की ओर ध्यान दिलाने के लिए आभार । </p>
<p>मूल रूप में यह पंक्ति इस प्रकार है-</p>
<p>घुट्टी में सँस्कार की, ऐसा क्या अब खास</p> आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, नमस्क…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9451702018-08-20T10:23:54.406ZNeelam Upadhyayahttp://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, नमस्कार । अच्छे दोहे हुए हैं। प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, नमस्कार । अच्छे दोहे हुए हैं। प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p> जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' ज…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9453672018-08-20T09:19:54.644ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,बहुत उम्दा दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p>'<span>अब क्या क्या खास'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में टंकण त्रुटिवश एक शब्द छूट गया है ।</span></p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,बहुत उम्दा दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p>'<span>अब क्या क्या खास'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में टंकण त्रुटिवश एक शब्द छूट गया है ।</span></p>