Comments - तेरे आने से आये दिन सुहाने । - Open Books Online2024-03-28T09:33:25Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A945231&xn_auth=noआ0 लक्ष्मण धामी साहब तहे दिल…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-21:5170231:Comment:9451952018-08-21T06:51:54.424ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 लक्ष्मण धामी साहब तहे दिल से शुक्रिया ।</p>
<p>आ0 लक्ष्मण धामी साहब तहे दिल से शुक्रिया ।</p> आ0 कबीर सर सादर नमन । इस महत्…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-21:5170231:Comment:9453912018-08-21T06:51:09.569ZNaveen Mani Tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/NaveenManiTripathi
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन । इस महत्वपूर्ण इस्लाह हेतु हार्दिक आभार सर ।</p>
<p></p>
<p>आ0 कबीर सर सादर नमन । इस महत्वपूर्ण इस्लाह हेतु हार्दिक आभार सर ।</p>
<p></p> आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9454232018-08-20T16:13:46.090Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p>
<p>आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-20:5170231:Comment:9454152018-08-20T12:11:42.229ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p>' <span>हमारे फख्र की ये इन्तिहाँ है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'इन्तिहाँ' को "इन्तिहा" कर लें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>' शिकायत दर्ज जब दिल में कराया'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें,और शिल्प भी,मिसरा यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'शिकायत दर्ज की जब दिल में हमने'</span></p>
<p></p>
<p></p>
<p></p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p>' <span>हमारे फख्र की ये इन्तिहाँ है'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में 'इन्तिहाँ' को "इन्तिहा" कर लें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>' शिकायत दर्ज जब दिल में कराया'</span></p>
<p><span>इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें,और शिल्प भी,मिसरा यूँ कर सकते हैं:-</span></p>
<p><span>'शिकायत दर्ज की जब दिल में हमने'</span></p>
<p></p>
<p></p>
<p></p>