Comments - गोपालदास नीरज जी - श्रद्धांजलि [जीवनी] - Open Books Online2024-03-28T17:40:23Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A940975&xn_auth=noप्रिय गोपाल दास नीरज जी के जी…tag:www.openbooksonline.com,2018-08-17:5170231:Comment:9447872018-08-17T10:53:04.398Zvijay nikorehttp://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>प्रिय गोपाल दास नीरज जी के जीवन और उनके लेखन पर इस सुन्दर लेख के लिए हार्दिक बधाई, आदारणीया बबिता जी</p>
<p>प्रिय गोपाल दास नीरज जी के जीवन और उनके लेखन पर इस सुन्दर लेख के लिए हार्दिक बधाई, आदारणीया बबिता जी</p> "कवियों का जिसे बरगद कहते थे…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-26:5170231:Comment:9413592018-07-26T08:48:28.487Zप्रदीप देवीशरण भट्टhttp://www.openbooksonline.com/profile/PradeepDevisharanBhatt
<p>"कवियों का जिसे बरगद कहते थे सब 'प्रदीप '</p>
<p> 'नीरज' वो आज छोड़कर तन्हा चला गया"</p>
<p>"कवियों का जिसे बरगद कहते थे सब 'प्रदीप '</p>
<p> 'नीरज' वो आज छोड़कर तन्हा चला गया"</p> सधन्यवाद ,आदरणीया नीता दी.tag:www.openbooksonline.com,2018-07-24:5170231:Comment:9410932018-07-24T13:07:19.733Zbabitaguptahttp://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>सधन्यवाद ,आदरणीया नीता दी.</p>
<p>सधन्यवाद ,आदरणीया नीता दी.</p> आद० गोपाल दास नीरज जी पर बेहद…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-24:5170231:Comment:9412882018-07-24T11:39:35.910ZNita Kasarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NitaKasar
<p>आद० गोपाल दास नीरज जी पर बेहद सुंदर आलेख लिखा है,आपने आद० बबिता गुप्ता जी ।बिरले ही थे वे,साहित्यक जगत में अपनी अमिट छाप छोड गये है वे ।आने वाली पीढ़ियां उन्है याद करेंगी ।श्रद्धाजंलि ,नमन।</p>
<p>आद० गोपाल दास नीरज जी पर बेहद सुंदर आलेख लिखा है,आपने आद० बबिता गुप्ता जी ।बिरले ही थे वे,साहित्यक जगत में अपनी अमिट छाप छोड गये है वे ।आने वाली पीढ़ियां उन्है याद करेंगी ।श्रद्धाजंलि ,नमन।</p> जी, धन्यवाद, आदरणीय समर सर और…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-24:5170231:Comment:9413182018-07-24T11:29:29.367Zbabitaguptahttp://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>जी, धन्यवाद, आदरणीय समर सर और तेज वीर सर जी का, त्रुटियों का ध्यान रखूंगी।</p>
<p>जी, धन्यवाद, आदरणीय समर सर और तेज वीर सर जी का, त्रुटियों का ध्यान रखूंगी।</p> मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-24:5170231:Comment:9412742018-07-24T06:35:57.611ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,गीतों के बादशाह को अच्छे अंदाज़ में श्रद्धांजलि पेश की आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>कुछ टंकण त्रुटियाँ देख लें ।</p>
<p>मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,गीतों के बादशाह को अच्छे अंदाज़ में श्रद्धांजलि पेश की आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>कुछ टंकण त्रुटियाँ देख लें ।</p> हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप…tag:www.openbooksonline.com,2018-07-23:5170231:Comment:9410012018-07-23T09:56:18.640ZTEJ VEER SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।इस सद प्रयास के लिये। अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली। एक अध्याय की इति हो गयी। गीतों का मसीहा सो गया।सदियों में ऐसे महान साहित्यकार पैदा होते हैं। इतना कुछ दिया इस दुनियाँ को लेकिन फिर भी खाली हाथ चले गये।यही रीति है इस जीवन की।बस नाम रह जाता है।वही सत्य है।वही काफ़ी है। शत शत नमन।</p>
<p>हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।इस सद प्रयास के लिये। अश्रुपूर्ण श्रद्धांजली। एक अध्याय की इति हो गयी। गीतों का मसीहा सो गया।सदियों में ऐसे महान साहित्यकार पैदा होते हैं। इतना कुछ दिया इस दुनियाँ को लेकिन फिर भी खाली हाथ चले गये।यही रीति है इस जीवन की।बस नाम रह जाता है।वही सत्य है।वही काफ़ी है। शत शत नमन।</p>