Comments - स्वप्न .... - Open Books Online2024-03-28T18:58:56Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A934571&xn_auth=noबड़ी अच्छी कविता रची है आदरणीय…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-22:5170231:Comment:9356222018-06-22T05:28:57.871Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>बड़ी अच्छी कविता रची है आदरणीय...</p>
<p>बड़ी अच्छी कविता रची है आदरणीय...</p> खुब सुन्दर रचनाtag:www.openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9356092018-06-21T14:10:27.833Znarendrasinh chauhanhttp://www.openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan
<p>खुब सुन्दर रचना</p>
<p>खुब सुन्दर रचना</p> आदरणीय समर कबीर साहिब सृजन आप…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9354312018-06-21T07:40:52.985ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब सृजन आपकी ऊर्जावान प्रशंसा एवं सुझाव का आभारी है। आपका शक सही है , पाँव होना चाहिए , मैंने संशोधित कर दिया है। आपका हार्दिक आभार।</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहिब सृजन आपकी ऊर्जावान प्रशंसा एवं सुझाव का आभारी है। आपका शक सही है , पाँव होना चाहिए , मैंने संशोधित कर दिया है। आपका हार्दिक आभार।</p> आदरणीया रक्षिता सिंह जी सृजन…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9353612018-06-21T07:40:46.548ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीया रक्षिता सिंह जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का आभारी है। <br/><br/></p>
<p>आदरणीया रक्षिता सिंह जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का आभारी है। <br/><br/></p> आदरणीय गुमनाम पिथौरगढ़ी जी सृज…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9355082018-06-21T07:40:36.211ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरगढ़ी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का आभारी है। <br/><br/></p>
<p>आदरणीय गुमनाम पिथौरगढ़ी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का आभारी है। <br/><br/></p> आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन क…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-21:5170231:Comment:9352972018-06-21T07:40:24.373ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p>
<p>आदरणीया कल्पना भट्ट जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार। <br/><br/></p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-19:5170231:Comment:9345992018-06-19T12:51:27.680ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>"अपने पावों के लिए" इस पंक्ति में "पावों" शब्द ठीक है क्या?</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>"अपने पावों के लिए" इस पंक्ति में "पावों" शब्द ठीक है क्या?</p> आदरणीय सुशील जी नमस्कार! बहुत…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-19:5170231:Comment:9345012018-06-19T01:19:43.206Zरक्षिता सिंहhttp://www.openbooksonline.com/profile/RakshitaSingh
<p>आदरणीय सुशील जी नमस्कार!<br/> बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ, हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय सुशील जी नमस्कार!<br/> बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ, हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।</p> वाकई सपने धीरे धीरे रूप बदलते…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-18:5170231:Comment:9347032018-06-18T15:08:12.101Zgumnaam pithoragarhihttp://www.openbooksonline.com/profile/gumnaampithoragarhi
<p>वाकई सपने धीरे धीरे रूप बदलते हैं......</p>
<p>वाकई सपने धीरे धीरे रूप बदलते हैं......</p> चूजे से सपनो में देखा है जिनक…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-18:5170231:Comment:9350292018-06-18T14:24:11.373ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>चूजे से सपनो में देखा है जिनको उनको पंख लग गए, और वे सब.... जीवन का यथार्थ है| बहुत सुंदर लिखा है आपने आदरणीय सुशिल सरना जी| बधाई स्वीकारें|</p>
<p>चूजे से सपनो में देखा है जिनको उनको पंख लग गए, और वे सब.... जीवन का यथार्थ है| बहुत सुंदर लिखा है आपने आदरणीय सुशिल सरना जी| बधाई स्वीकारें|</p>