Comments - विचार-मंथन के सागर में (अतुकान्त कविता) - Open Books Online2024-03-29T13:44:03Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A925866&xn_auth=noजीर्ण शीर्ण होती लोकतांत्रिक…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-10:5170231:Comment:9334052018-06-10T07:32:22.731Zbabitaguptahttp://www.openbooksonline.com/profile/babitagupta631
<p>जीर्ण शीर्ण होती लोकतांत्रिक व्यवस्था से देश के बदतर होते हालात का बहुत ही सटीक शब्दों में द्रश्तिपात करना,लाजबाव रचना के लिए हार्दिक आभार आदरणीय सर जी.</p>
<p>जीर्ण शीर्ण होती लोकतांत्रिक व्यवस्था से देश के बदतर होते हालात का बहुत ही सटीक शब्दों में द्रश्तिपात करना,लाजबाव रचना के लिए हार्दिक आभार आदरणीय सर जी.</p> katu satya kaha aapne is kavi…tag:www.openbooksonline.com,2018-06-05:5170231:Comment:9326832018-06-05T14:19:30.209ZRohit Dubey "योद्धा "http://www.openbooksonline.com/profile/RohitDubey
<p>katu satya kaha aapne is kavita ke dwara ! Abhar!</p>
<p>katu satya kaha aapne is kavita ke dwara ! Abhar!</p> मेरी इस अतुकान्त कविता को यहा…tag:www.openbooksonline.com,2018-05-13:5170231:Comment:9305592018-05-13T09:40:24.064ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस अतुकान्त कविता को यहां चयनित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया।</p>
<p>मेरी इस अतुकान्त कविता को यहां चयनित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया।</p> मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय दे…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-26:5170231:Comment:9266242018-04-26T08:39:24.358ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब और जनाब डॉ. छोटे लाल सिंह साहिब।</p>
<p>मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पर समय देकर अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब और जनाब डॉ. छोटे लाल सिंह साहिब।</p> आदरणीय शेख शाहजाद साहब यथार्थ…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-26:5170231:Comment:9263592018-04-26T03:35:36.864Zडॉ छोटेलाल सिंहhttp://www.openbooksonline.com/profile/20ch7d01r75yx
आदरणीय शेख शाहजाद साहब यथार्थ का अद्भुत चित्रण किया आपने दिली मुबारकबाद कुबूल कीजए
आदरणीय शेख शाहजाद साहब यथार्थ का अद्भुत चित्रण किया आपने दिली मुबारकबाद कुबूल कीजए इस विषय पर लिखना आसान नहीं है…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-25:5170231:Comment:9266102018-04-25T20:44:35.141Zvijay nikorehttp://www.openbooksonline.com/profile/vijaynikore
<p>इस विषय पर लिखना आसान नहीं है, फिर भी आपकी रचना अपने लक्ष्य में सफ़ल हुई है ... चिंतन के लिए बहुत कुछ दे रही है। हार्दिक बधाई भाई <span>शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ।</span></p>
<p>इस विषय पर लिखना आसान नहीं है, फिर भी आपकी रचना अपने लक्ष्य में सफ़ल हुई है ... चिंतन के लिए बहुत कुछ दे रही है। हार्दिक बधाई भाई <span>शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब ।</span></p> मेरी इस आकस्मिक सृजन पर समय द…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-23:5170231:Comment:9261742018-04-23T21:25:47.735ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>मेरी इस आकस्मिक सृजन पर समय देकर अनुमोदन और स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. आशुतोष मिश्रा साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब और मुहतरमा नीलम उपाध्याय साहिबा।</p>
<p>मेरी इस आकस्मिक सृजन पर समय देकर अनुमोदन और स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब डॉ. आशुतोष मिश्रा साहिब, जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब और मुहतरमा नीलम उपाध्याय साहिबा।</p> आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आ…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-23:5170231:Comment:9260022018-04-23T12:20:47.433ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,</p>
<p> लोकतंत्र की दशा और दिशा को लेकर , देश के हालातों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मौलिक नज़रिये से अतुकांत कविता में झाँकने का बेहतरीन और सफलतम प्रयास । इस प्रयास हेतु बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,</p>
<p> लोकतंत्र की दशा और दिशा को लेकर , देश के हालातों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मौलिक नज़रिये से अतुकांत कविता में झाँकने का बेहतरीन और सफलतम प्रयास । इस प्रयास हेतु बधाई स्वीकार करें ।</p> आदरणीय उस्मानी जी । हमेशा क…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-23:5170231:Comment:9261302018-04-23T05:28:29.322ZNeelam Upadhyayahttp://www.openbooksonline.com/profile/NeelamUpadhyaya
<p>आदरणीय उस्मानी जी । हमेशा की तरह बहुत ही शानदार रचना की प्रस्तुति। हार्दिक बधाई</p>
<p>"कुसंस्कारों, भ्रष्टाचरणों के विकास में!<br/>धार्मिक-स्तंभों, तहज़ीब से दूर हो कर<br/>बस रो रही है निरंतर<br/>आत्मा संग<br/>कहीं<br/>निर्जीव से मानव-शरीर में!"</p>
<p>आदरणीय उस्मानी जी । हमेशा की तरह बहुत ही शानदार रचना की प्रस्तुति। हार्दिक बधाई</p>
<p>"कुसंस्कारों, भ्रष्टाचरणों के विकास में!<br/>धार्मिक-स्तंभों, तहज़ीब से दूर हो कर<br/>बस रो रही है निरंतर<br/>आत्मा संग<br/>कहीं<br/>निर्जीव से मानव-शरीर में!"</p> आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी आ…tag:www.openbooksonline.com,2018-04-23:5170231:Comment:9260732018-04-23T05:19:29.974ZDr Ashutosh Mishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी आपकी शानदार लघुकथाओं की तरह शानदार यह अतुकांत रचना चिंतन के लिए बिबश करती है इस शानदार रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर </p>
<p>आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी आपकी शानदार लघुकथाओं की तरह शानदार यह अतुकांत रचना चिंतन के लिए बिबश करती है इस शानदार रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर </p>