Comments - लघुकथा--कठपुतली - Open Books Online2024-03-28T21:05:17Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A920530&xn_auth=noबहुत-बहुत दिली आभार आदरणीय अज…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-25:5170231:Comment:9213772018-03-25T05:02:50.049ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>बहुत-बहुत दिली आभार आदरणीय अजय तिवारी जी । लेखन सार्थक हो गया ।</p>
<p>बहुत-बहुत दिली आभार आदरणीय अजय तिवारी जी । लेखन सार्थक हो गया ।</p> आदरणीय आरिफ साहब, प्रभावी व्…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-25:5170231:Comment:9212732018-03-25T04:46:39.751ZAjay Tiwarihttp://www.openbooksonline.com/profile/AjayTiwari
<p>आदरणीय आरिफ साहब, प्रभावी व्यंग और एक बेहतर लघु- कथा! हार्दिक बधाई. </p>
<p>आदरणीय आरिफ साहब, प्रभावी व्यंग और एक बेहतर लघु- कथा! हार्दिक बधाई. </p> रचना के अनुमोदन और हौसला अफज़ा…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-24:5170231:Comment:9210512018-03-24T09:38:05.743ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>रचना के अनुमोदन और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत आभार आदरणीया नीता कसार जी ।</p>
<p>रचना के अनुमोदन और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत आभार आदरणीया नीता कसार जी ।</p> व्यंग्यपूर्ण कथा,नेताओं पर आध…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-24:5170231:Comment:9212102018-03-24T09:24:10.045ZNita Kasarhttp://www.openbooksonline.com/profile/NitaKasar
<p>व्यंग्यपूर्ण कथा,नेताओं पर आधारित कथा के लिये बधाई आद० मोहम्मद आरिफ़ जी ।वे हाईकमान के इशारों पर नाचते है ।</p>
<p>व्यंग्यपूर्ण कथा,नेताओं पर आधारित कथा के लिये बधाई आद० मोहम्मद आरिफ़ जी ।वे हाईकमान के इशारों पर नाचते है ।</p> लघुकथा पर अपना अमूल्य समय , स…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-23:5170231:Comment:9208322018-03-23T02:36:20.544ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>लघुकथा पर अपना अमूल्य समय , सांगो-पांगत्र विवेचनत्र, व्यापक दृष्टिकोण और उत्साहवर्धन टिप्पणी का बहुत-बहुत हार्दिक आभार आदरणीय रवि प्रभाकर साहब ।</p>
<p>लघुकथा पर अपना अमूल्य समय , सांगो-पांगत्र विवेचनत्र, व्यापक दृष्टिकोण और उत्साहवर्धन टिप्पणी का बहुत-बहुत हार्दिक आभार आदरणीय रवि प्रभाकर साहब ।</p> वाह ! बहुत ही तीक्ष्ण व्यंग…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-22:5170231:Comment:9206002018-03-22T16:44:45.587ZRavi Prabhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviPrabhakar
<p>वाह ! बहुत ही तीक्ष्ण व्यंग्य कसा है । दरअसल यहॉं व्यंग्य 'द्वि शरीरी' परिलक्षित हो रहा है । जिसकी उपरी तह में हल्का सा हास्य उत्पन्न हो रहा है जबकि दूसरा प्रभावात्मक रूप / " पार्टी आला कमान के ।"/ में पहले स्तर को बाण जैसे भेदता हुआ अंदर तक घुस कर एक गहरा घाव दे रहा है । व्यंग्य का सटीक व पैनापन इस लघुकथा को श्रेष्ठ लघुकथायों की श्रेणी में खड़ा कर रहा है । मेरे द्वारा पढ़ी यह आपकी सर्वश्रेष्ठ लघुकथा है । नख से शिख तक प्रभावशाली प्रस्तुत लघुकथा का शीर्षक इसके प्रभाव को…</p>
<p>वाह ! बहुत ही तीक्ष्ण व्यंग्य कसा है । दरअसल यहॉं व्यंग्य 'द्वि शरीरी' परिलक्षित हो रहा है । जिसकी उपरी तह में हल्का सा हास्य उत्पन्न हो रहा है जबकि दूसरा प्रभावात्मक रूप / " पार्टी आला कमान के ।"/ में पहले स्तर को बाण जैसे भेदता हुआ अंदर तक घुस कर एक गहरा घाव दे रहा है । व्यंग्य का सटीक व पैनापन इस लघुकथा को श्रेष्ठ लघुकथायों की श्रेणी में खड़ा कर रहा है । मेरे द्वारा पढ़ी यह आपकी सर्वश्रेष्ठ लघुकथा है । नख से शिख तक प्रभावशाली प्रस्तुत लघुकथा का शीर्षक इसके प्रभाव को द्वविगुणित कर रहा है । या यूँ कहूं कि इस लघुकथा का शीर्षक इससे बेहतर हो ही नहीं सकता था तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं निवेदित हैं। सादर</p>
<p></p> हृदयतल से आभार आदरणीय सुरेंद्…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-22:5170231:Comment:9203972018-03-22T11:01:03.697ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>हृदयतल से आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी । लेखन सार्थक हो गया ।</p>
<p>हृदयतल से आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी । लेखन सार्थक हो गया ।</p> आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिव…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-22:5170231:Comment:9206612018-03-22T09:31:31.753Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। बढिया कटाक्ष किया है आज के परिवेश की राजनीति पर। इस उम्दा प्रस्तुति पर बधाई</p>
<p>आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन। बढिया कटाक्ष किया है आज के परिवेश की राजनीति पर। इस उम्दा प्रस्तुति पर बधाई</p> यह सब आपकी दुआओं और ओबीओ परिव…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-22:5170231:Comment:9203952018-03-22T07:04:29.021ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
<p>यह सब आपकी दुआओं और ओबीओ परिवार का नतीजा है । मैं किन लफ्ज़ों में आपका शुक्रिया अदा करूँ मेरे पास तो लफ्ज़ ही नहीं है । दिल की अथाह गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।</p>
<p>यह सब आपकी दुआओं और ओबीओ परिवार का नतीजा है । मैं किन लफ्ज़ों में आपका शुक्रिया अदा करूँ मेरे पास तो लफ्ज़ ही नहीं है । दिल की अथाह गहराइयों से बहुत-बहुत शुक्रिया आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।</p> जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2018-03-22:5170231:Comment:9205702018-03-22T06:18:15.201ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,कितना उम्दा तंज़ किया है आपने इस लघुकथा के माध्यम से,बहुत बहतरीन प्रस्तुति,इसके लिए दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,कितना उम्दा तंज़ किया है आपने इस लघुकथा के माध्यम से,बहुत बहतरीन प्रस्तुति,इसके लिए दिल से बधाई स्वीकार करें ।</p>