Comments - दबे पाप ऊपर जो आने लगे हैं- गजल - Open Books Online2024-03-29T14:34:25Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A914542&xn_auth=noठीक है,लेकिन 4थे शैर का सानी…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9162242018-02-26T15:46:49.567ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>ठीक है,लेकिन 4थे शैर का सानी मिसरा भी बदलने का प्रयास करें,भाव स्पष्ट नहीं है ।</p>
<p>ठीक है,लेकिन 4थे शैर का सानी मिसरा भी बदलने का प्रयास करें,भाव स्पष्ट नहीं है ।</p> आ. भाई समर जी अभिवादन, आपके म…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9162202018-02-26T13:11:53.300Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई समर जी अभिवादन, आपके मशविरे का अनुपालन करते हुए बदलाव का प्रयास किया है । राय दें । हार्दिक धन्यवाद।</p>
<p>आ. भाई समर जी अभिवादन, आपके मशविरे का अनुपालन करते हुए बदलाव का प्रयास किया है । राय दें । हार्दिक धन्यवाद।</p> आ. भाई सुरेन्द्र जी प्रशंसा क…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9160402018-02-26T01:47:26.063Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई सुरेन्द्र जी प्रशंसा के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई सुरेन्द्र जी प्रशंसा के लिए आभार ।</p> आ. भाई तस्दीक अहमद जी, स्नेह…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9161172018-02-26T01:46:03.304Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई तस्दीक अहमद जी, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया।</p>
<p>आ. भाई तस्दीक अहमद जी, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया।</p> आ. भाई बृजेश जी, उपस्थिति और…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9160002018-02-26T01:43:33.731Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई बृजेश जी, उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p>
<p>आ. भाई बृजेश जी, उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</p> आ. भाई बलराम जी, प्रशंसा के ल…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9159992018-02-26T01:42:04.926Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई बलराम जी, प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p>
<p>आ. भाई बलराम जी, प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ।</p> आ. भाई नरेंद्र जी उत्साहवर्धन…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-26:5170231:Comment:9160392018-02-26T01:40:40.309Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>आ. भाई नरेंद्र जी उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p>
<p>आ. भाई नरेंद्र जी उत्साहवर्धन के लिए आभार ।</p> आद0 लक्ष्मण जी सादर अभिवादन।…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-22:5170231:Comment:9148422018-02-22T09:04:53.116Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 लक्ष्मण जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल का बढिया प्रयास। शेष आद0 समर साहब कह चुके हैं। इस ग़ज़ल पर बधाई लीजिये</p>
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<p>आद0 लक्ष्मण जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल का बढिया प्रयास। शेष आद0 समर साहब कह चुके हैं। इस ग़ज़ल पर बधाई लीजिये</p>
<p></p> जनाब लक्ष्मण धामी साहिब ,ग़ज़ल…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-22:5170231:Comment:9150212018-02-22T08:11:58.512ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p style="text-align: left;">जनाब लक्ष्मण धामी साहिब ,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें । मुहतरम समर साहिब के मश्वरे पर ध्यान जरूर दें ।</p>
<p style="text-align: left;">जनाब लक्ष्मण धामी साहिब ,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें । मुहतरम समर साहिब के मश्वरे पर ध्यान जरूर दें ।</p> भाई लक्ष्मण जी ग़ज़ल पर बढियाँ…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-22:5170231:Comment:9148342018-02-22T06:34:17.124Zरामबली गुप्ताhttp://www.openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
<p>भाई लक्ष्मण जी ग़ज़ल पर बढियाँ प्रयास हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। समर भाई साहब की बातों का। संज्ञान लें।सादर</p>
<p>भाई लक्ष्मण जी ग़ज़ल पर बढियाँ प्रयास हुआ है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। समर भाई साहब की बातों का। संज्ञान लें।सादर</p>