Comments - दिल/ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T07:17:57Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A913799&xn_auth=noबड़े अच्छे भाव हुए आदरणीय..बाक…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-18:5170231:Comment:9145192018-02-18T13:30:49.658Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
<p>बड़े अच्छे भाव हुए आदरणीय..बाकी आदरणीय तस्दीक जी बता ही चुके हैं...</p>
<p>बड़े अच्छे भाव हुए आदरणीय..बाकी आदरणीय तस्दीक जी बता ही चुके हैं...</p> जनाब नीरज साहिब,ग़ज़ल का प्रय…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9142122018-02-14T14:52:13.554ZTasdiq Ahmed Khanhttp://www.openbooksonline.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब नीरज साहिब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है , कोशिश करते रहिए ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ |<br/>शेर 2 के मिसरों में लय बाधित हो रही है | यूँ कर सकते हैं " बे क़रारी बढ़े याद से -याद से ही बहलता है दिल "<br/>शेर 3 उला यूँ करसकते हैं |"दर बदर खा रहा ठोकरें "<br/>शेर 4 उला यूँ करलें |"सामने प्यार होता है जब "<br/>शेर5 शेर 6 के मिसरों में रब्त की कमी है | यूँ करलें |"कोई शायद ख़यालों में है -यूँ न उसका मचलता है दिल "<br/>ज़ख़्म अपने लगाते हैं जब ---अपने अंदर ही घुलता है दिल |</p>
<p>जनाब नीरज साहिब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है , कोशिश करते रहिए ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ |<br/>शेर 2 के मिसरों में लय बाधित हो रही है | यूँ कर सकते हैं " बे क़रारी बढ़े याद से -याद से ही बहलता है दिल "<br/>शेर 3 उला यूँ करसकते हैं |"दर बदर खा रहा ठोकरें "<br/>शेर 4 उला यूँ करलें |"सामने प्यार होता है जब "<br/>शेर5 शेर 6 के मिसरों में रब्त की कमी है | यूँ करलें |"कोई शायद ख़यालों में है -यूँ न उसका मचलता है दिल "<br/>ज़ख़्म अपने लगाते हैं जब ---अपने अंदर ही घुलता है दिल |</p> बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9142112018-02-14T12:57:53.494ZNeeraj Nishchalhttp://www.openbooksonline.com/profile/NeerajMishra
<p>बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय राम अवध जी</p>
<p>बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय राम अवध जी</p> बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9141162018-02-14T12:57:17.579ZNeeraj Nishchalhttp://www.openbooksonline.com/profile/NeerajMishra
<p>बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहजाद जी</p>
<p>बहुत बहुत हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहजाद जी</p> खूबसूरत ग़ज़ल के लिये बधाईtag:www.openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9140172018-02-14T12:09:47.095ZRam Awadh VIshwakarmahttp://www.openbooksonline.com/profile/RamAwadhVIshwakarma
<p>खूबसूरत ग़ज़ल के लिये बधाई</p>
<p>खूबसूरत ग़ज़ल के लिये बधाई</p> बहुत बढ़िया पेशकश। हार्दिक बध…tag:www.openbooksonline.com,2018-02-14:5170231:Comment:9139012018-02-14T04:28:13.379ZSheikh Shahzad Usmanihttp://www.openbooksonline.com/profile/SheikhShahzadUsmani
<p>बहुत बढ़िया पेशकश। हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज मिश्रा ' प्रेम' जी। </p>
<p>बहुत बढ़िया पेशकश। हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज मिश्रा ' प्रेम' जी। </p>