Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-28T12:09:49Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A901198&xn_auth=noआदरणीय नवीन मणी जी इसरचना पर…tag:www.openbooksonline.com,2017-12-06:5170231:Comment:9015312017-12-06T07:03:27.018ZAfroz 'sahr'http://www.openbooksonline.com/profile/Afrozsahr
आदरणीय नवीन मणी जी इसरचना पर बहुत बधाई आपको<br />
रचना के बारे में आदरणीय समर साहिब की कही हुई बातों पर गौ़र फ़रमाने की ज़हमत गवारा करें। सादर,,
आदरणीय नवीन मणी जी इसरचना पर बहुत बधाई आपको<br />
रचना के बारे में आदरणीय समर साहिब की कही हुई बातों पर गौ़र फ़रमाने की ज़हमत गवारा करें। सादर,, इस ग़ज़ल को ग़ज़ल की तरह लिखिये,…tag:www.openbooksonline.com,2017-12-05:5170231:Comment:9013762017-12-05T11:33:49.978ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>इस ग़ज़ल को ग़ज़ल की तरह लिखिये, ताकि कुछ समझने और कहने में आसानी हो ।</p>
<p>इस ग़ज़ल को ग़ज़ल की तरह लिखिये, ताकि कुछ समझने और कहने में आसानी हो ।</p> बहुत खूब हार्दिक बधाई ।tag:www.openbooksonline.com,2017-12-05:5170231:Comment:9015092017-12-05T10:17:52.948Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p>बहुत खूब हार्दिक बधाई ।</p>
<p>बहुत खूब हार्दिक बधाई ।</p>