Comments - आपका हक़ - डॉo विजय शंकर - Open Books Online2024-03-29T01:53:11Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A884152&xn_auth=noआदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आप…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8847982017-09-27T15:06:16.898ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर। आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8845942017-09-27T15:05:58.550ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी ,किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित से अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर।
आदरणीय सुरेंद्र नाथ सिंह कुशक्षत्रप जी ,किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित से अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर। आदरणीय विजय निकोर जी , आप कैस…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8848512017-09-27T15:01:39.957ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय विजय निकोर जी , आप कैसे हैं ? किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित एक सुकून देती है , अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर।
आदरणीय विजय निकोर जी , आप कैसे हैं ? किसी भी रचना पर आपकी उपस्थित एक सुकून देती है , अच्छा लगता है , आपको ह्रदय से धन्यवाद , आपका आभार है , सादर। आदरणीय रामबली जी , आपकी सुन्द…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8847922017-09-27T14:54:40.262ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय रामबली जी , आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया और अभिव्यक्ति के लिए ह्रदय से आभार और धन्यवाद , सादर।
आदरणीय रामबली जी , आपकी सुन्दर प्रतिक्रिया और अभिव्यक्ति के लिए ह्रदय से आभार और धन्यवाद , सादर। आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , आ…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8845902017-09-27T14:54:31.666ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , आपको रचना अच्छी लगी , आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय सुश्री नीता कसर जी , आपको रचना अच्छी लगी , आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर। आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ,…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8847912017-09-27T14:54:15.804ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर.
आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और रचना मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर. आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , रचना…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8846972017-09-27T14:47:44.242ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और उसे मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर .
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , रचना पर आपकी उपस्थिति और उसे मान देने के लिए ह्रदय से आपका आभार एवं धन्यवाद , सादर . आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8848492017-09-27T14:47:27.166ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , पिछले कई महीने कोस्टा रीका में रहना हुआ , वहां नेट की प्रॉब्लम रहती है , लिखने और पोस्ट करने का मजा ही चला जाता है , अतः कुछ लेखन हो नहीं पाया , फिर घूमें फायर भी बहुत , कभी उस पर भी लिखेंगे। आपकी परख को सलाम। एक शब्द भी हो तो छू लेते हैं , पंकियाँ तो आपकी पकड़ में ही अपना मूल्यांकन पाती हैं। किसी भी रचना पर आपकी उपास्थिति स्वयं में उसकी स्वीकृति का प्रमाण होती है। इस रचना को इतना उच्च मान देने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार और धन्यवाद , सादर।
आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , पिछले कई महीने कोस्टा रीका में रहना हुआ , वहां नेट की प्रॉब्लम रहती है , लिखने और पोस्ट करने का मजा ही चला जाता है , अतः कुछ लेखन हो नहीं पाया , फिर घूमें फायर भी बहुत , कभी उस पर भी लिखेंगे। आपकी परख को सलाम। एक शब्द भी हो तो छू लेते हैं , पंकियाँ तो आपकी पकड़ में ही अपना मूल्यांकन पाती हैं। किसी भी रचना पर आपकी उपास्थिति स्वयं में उसकी स्वीकृति का प्रमाण होती है। इस रचना को इतना उच्च मान देने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत आभार और धन्यवाद , सादर। बहुत खूब , आदरणीय हार्दिक बधा…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8848102017-09-27T05:56:17.136Zगिरिराज भंडारीhttp://www.openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>बहुत खूब , आदरणीय हार्दिक बधाई आपको ।</p>
<p>बहुत खूब , आदरणीय हार्दिक बधाई आपको ।</p> आद0 डॉ विजय शंकर जी सादर अभिव…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8844962017-09-27T02:56:45.310Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 डॉ विजय शंकर जी सादर अभिवादन, कम शब्दों में बहुत अच्छी अभिव्यक्ति। बधाई स्वीकार करें। सादर
आद0 डॉ विजय शंकर जी सादर अभिवादन, कम शब्दों में बहुत अच्छी अभिव्यक्ति। बधाई स्वीकार करें। सादर