Comments - आएं न आएं वो लेकिन - सलीम रज़ा रीवा - Open Books Online2024-03-29T06:47:47Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A879922&xn_auth=noआदरणीय गिरिराज जी,
आपकी नज़रे…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-28:5170231:Comment:8848632017-09-28T03:13:39.413ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आदरणीय गिरिराज जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आपकी मुहब्बत सलामत रहे,
आदरणीय गिरिराज जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आपकी मुहब्बत सलामत रहे, आदरणीय रवि शुक्ला जी,
आपकी मु…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-28:5170231:Comment:8850102017-09-28T03:12:04.340ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आदरणीय रवि शुक्ला जी,<br />
आपकी मुहब्बत के लिए शुक्रिया,
आदरणीय रवि शुक्ला जी,<br />
आपकी मुहब्बत के लिए शुक्रिया, जनाब अफरोज साहिब,
आपकी नज़रे…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8849112017-09-27T16:55:07.819ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
जनाब अफरोज साहिब,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया,
जनाब अफरोज साहिब,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया, आदरणीय सलीम जी बहुत ही अच्छी…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8846632017-09-27T07:25:40.403ZRavi Shuklahttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviShukla
आदरणीय सलीम जी बहुत ही अच्छी ग़ज़ल कही शेर दर शेर मुबारकबाद कुबूल करें
आदरणीय सलीम जी बहुत ही अच्छी ग़ज़ल कही शेर दर शेर मुबारकबाद कुबूल करें आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी,…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8848212017-09-27T06:52:57.918ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया,
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया, आदरणीय सलीम साहिब ख़ूबसूरत ग़…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-27:5170231:Comment:8848082017-09-27T05:54:56.314ZAfroz 'sahr'http://www.openbooksonline.com/profile/Afrozsahr
आदरणीय सलीम साहिब ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद पेश करता हूँ।
आदरणीय सलीम साहिब ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद पेश करता हूँ। आदरणीय रामबलि गुप्ता जी,
आपकी…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-26:5170231:Comment:8847332017-09-26T22:41:13.116ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आदरणीय रामबलि गुप्ता जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,
आदरणीय रामबलि गुप्ता जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय गिरिराज जी,
आपकी नज़रे…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-26:5170231:Comment:8846322017-09-26T22:40:44.229ZSALIM RAZA REWAhttp://www.openbooksonline.com/profile/SALIMRAZA
आदरणीय गिरिराज जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,
आदरणीय गिरिराज जी,<br />
आपकी नज़रे इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, आदरणीय सलीम जी बहुत खूबसूरत ग़…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-26:5170231:Comment:8847272017-09-26T17:10:26.843Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
आदरणीय सलीम जी बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई..सादर
आदरणीय सलीम जी बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई..सादर बहुत खूब भाई सलीम रज़ा जी। बहु…tag:www.openbooksonline.com,2017-09-26:5170231:Comment:8844722017-09-26T15:53:11.786Zरामबली गुप्ताhttp://www.openbooksonline.com/profile/RAMBALIGUPTA
बहुत खूब भाई सलीम रज़ा जी। बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है। सादर बधाई स्वीकार करें।
बहुत खूब भाई सलीम रज़ा जी। बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुई है। सादर बधाई स्वीकार करें।