Comments - क्या तुम सुन रहे हो ? ( कविता) - Open Books Online2024-03-19T07:04:52Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A872194&xn_auth=noBeautiful ,बहुत प्यारी भावपूर…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-13:5170231:Comment:8736332017-08-13T08:56:16.317Zsunanda jha http://www.openbooksonline.com/profile/sunandajha840
Beautiful ,बहुत प्यारी भावपूर्ण कविता आदरणीया कल्पना जी दिल से बधाई इस सुंदर सृजन के लिए ।
Beautiful ,बहुत प्यारी भावपूर्ण कविता आदरणीया कल्पना जी दिल से बधाई इस सुंदर सृजन के लिए । बहुत सुन्दर भावपूर्ण आदरणीया.…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-10:5170231:Comment:8725962017-08-10T14:35:50.759Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
बहुत सुन्दर भावपूर्ण आदरणीया..सादर
बहुत सुन्दर भावपूर्ण आदरणीया..सादर खूब सुन्दर रचना tag:www.openbooksonline.com,2017-08-10:5170231:Comment:8724702017-08-10T06:44:17.158Znarendrasinh chauhanhttp://www.openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan
<p>खूब सुन्दर रचना </p>
<p>खूब सुन्दर रचना </p> धन्यवाद आदरणीय गिरिराज सर |tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8725402017-08-09T14:47:11.625ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>धन्यवाद आदरणीय गिरिराज सर |</p>
<p>धन्यवाद आदरणीय गिरिराज सर |</p> आदाब आदरणीय समर भाई जी | आपको…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8723572017-08-09T14:46:41.791ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>आदाब आदरणीय समर भाई जी | आपको यह प्रयास पसंद आया सार्थक हुआ यह प्रयास | सादर धन्यवाद भाई जी |</p>
<p>आदाब आदरणीय समर भाई जी | आपको यह प्रयास पसंद आया सार्थक हुआ यह प्रयास | सादर धन्यवाद भाई जी |</p> धन्यवाद् आदरणीय शहजाद भाई |tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8725392017-08-09T14:45:37.155ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>धन्यवाद् आदरणीय शहजाद भाई |</p>
<p>धन्यवाद् आदरणीय शहजाद भाई |</p> धन्यवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ ज…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8723562017-08-09T14:45:16.758ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>धन्यवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी |</p>
<p>धन्यवाद आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी |</p> धन्यवाद आदरणीया वसुधा जी |tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8726342017-08-09T14:43:26.936ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://www.openbooksonline.com/profile/KALPANABHATT832
<p>धन्यवाद आदरणीया वसुधा जी |</p>
<p>धन्यवाद आदरणीया वसुधा जी |</p> आदरणीया कल्पना जी , सुन्दर भा…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8723482017-08-09T13:15:05.695Zगिरिराज भंडारीhttp://www.openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीया कल्पना जी , सुन्दर भाव पूर्ण कविता के लिये आपको बधाइयाँ ।</p>
<p>आदरणीया कल्पना जी , सुन्दर भाव पूर्ण कविता के लिये आपको बधाइयाँ ।</p> बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,बहुत…tag:www.openbooksonline.com,2017-08-09:5170231:Comment:8726262017-08-09T13:02:37.405ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,बहुत सुंदर और जज़्बाती कविता लिखी आपने,प्रवाह और शिल्प भी उम्दा है, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।<br />
आठवीं पंक्ति में 'हैं' को "है" कर लें ।
बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,बहुत सुंदर और जज़्बाती कविता लिखी आपने,प्रवाह और शिल्प भी उम्दा है, इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।<br />
आठवीं पंक्ति में 'हैं' को "है" कर लें ।