Comments - सावन की ग़ज़ल (बह्र-22/22/22/22) - Open Books Online2024-03-28T14:34:12Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A866860&xn_auth=noहृदयतल से आभार आदरणीय गिरिराज…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-20:5170231:Comment:8679322017-07-20T17:33:30.748ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
हृदयतल से आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी ।
हृदयतल से आभार आदरणीय गिरिराज भंडारी जी । आदरणीय आरिफ़ भाई , खूब सूरत सा…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-20:5170231:Comment:8674862017-07-20T05:59:35.063Zगिरिराज भंडारीhttp://www.openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय आरिफ़ भाई , खूब सूरत सावनी गज़ल के लिये हृदय से बधाइयाँ स्वीकार करें ।</p>
<p>आदरणीय आरिफ़ भाई , खूब सूरत सावनी गज़ल के लिये हृदय से बधाइयाँ स्वीकार करें ।</p> हौसला अफ़ज़ाई का हृदय तल से आभा…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8676232017-07-19T17:42:47.691ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
हौसला अफ़ज़ाई का हृदय तल से आभार आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी । लेखन सार्थक हुआ ।
हौसला अफ़ज़ाई का हृदय तल से आभार आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी । लेखन सार्थक हुआ । वाहहहहह मोहम्मद आरिफ जी बधाई।…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8676172017-07-19T12:28:05.307Zबासुदेव अग्रवाल 'नमन'http://www.openbooksonline.com/profile/Basudeo
वाहहहहह मोहम्मद आरिफ जी बधाई।<br />
<br />
मनभावन ग़ज़ल सुहानी है<br />
आरिफ जी हरषाये सावन।
वाहहहहह मोहम्मद आरिफ जी बधाई।<br />
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मनभावन ग़ज़ल सुहानी है<br />
आरिफ जी हरषाये सावन। बहुत-बहूत आभार बृजेंद्र कुमार…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8675222017-07-19T08:34:02.571ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
बहुत-बहूत आभार बृजेंद्र कुमार जी ।
बहुत-बहूत आभार बृजेंद्र कुमार जी । वाह वाह आदरणीय आरिफ जी बहुत ह…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8674542017-07-19T04:50:08.374Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://www.openbooksonline.com/profile/brijeshkumar
वाह वाह आदरणीय आरिफ जी बहुत ही सुन्दर सरस ग़ज़ल कही है..बधाइयाँ
वाह वाह आदरणीय आरिफ जी बहुत ही सुन्दर सरस ग़ज़ल कही है..बधाइयाँ बहुत-बहुत आभार आभार आदरणीय नर…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8673892017-07-19T02:49:33.037ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
बहुत-बहुत आभार आभार आदरणीय नरेंद्रसिंह जी ।
बहुत-बहुत आभार आभार आदरणीय नरेंद्रसिंह जी । मोहतरम आली जनाब समर कबीर साहब…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-19:5170231:Comment:8672882017-07-19T02:48:35.803ZMohammed Arifhttp://www.openbooksonline.com/profile/MohammedArif
मोहतरम आली जनाब समर कबीर साहब आदाब,ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
मोहतरम आली जनाब समर कबीर साहब आदाब,ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया । सुन्दर रचना tag:www.openbooksonline.com,2017-07-18:5170231:Comment:8674292017-07-18T10:40:04.274Znarendrasinh chauhanhttp://www.openbooksonline.com/profile/narendrasinhchauhan
<p>सुन्दर रचना </p>
<p>सुन्दर रचना </p> जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,…tag:www.openbooksonline.com,2017-07-18:5170231:Comment:8671792017-07-18T09:47:08.618ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।