Comments - कौन सी कौम उसे फिर से दुशाला देगी - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T06:56:37Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A753651&xn_auth=noलाख अनमोल कहो यार ये हीरे…tag:www.openbooksonline.com,2016-04-01:5170231:Comment:7552612016-04-01T04:40:43.669ZDr Ashutosh Mishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p><span>लाख अनमोल कहो यार ये हीरे लेकिन</span><br/><span>पर हकीकत है कि मिट्टी ही निवाला देगी।..............बिलकुल सही </span></p>
<p><span><span>आप हम खूब लडे़ खून बहाना मकसद</span><br/><span>राहेरौशन तो जमाने को मलाला देगी।5।......वाह इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें सादर </span></span></p>
<p><span>लाख अनमोल कहो यार ये हीरे लेकिन</span><br/><span>पर हकीकत है कि मिट्टी ही निवाला देगी।..............बिलकुल सही </span></p>
<p><span><span>आप हम खूब लडे़ खून बहाना मकसद</span><br/><span>राहेरौशन तो जमाने को मलाला देगी।5।......वाह इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें सादर </span></span></p> बड़े ख़ूबसूरत अश’आर हुए हैं आदर…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-29:5170231:Comment:7536962016-03-29T16:34:28.911Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://www.openbooksonline.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बड़े ख़ूबसूरत अश’आर हुए हैं आदरणीय लक्ष्मण जी। दाद कुबूल करें</p>
<p>बड़े ख़ूबसूरत अश’आर हुए हैं आदरणीय लक्ष्मण जी। दाद कुबूल करें</p> सोच अच्छी हो तो मस्जिद या शिव…tag:www.openbooksonline.com,2016-03-29:5170231:Comment:7538272016-03-29T14:16:31.519ZSushil Sarnahttp://www.openbooksonline.com/profile/SushilSarna
<p>सोच अच्छी हो तो मस्जिद या शिवाला देगी</p>
<p>तंग हो और अगर खून का प्याला देगी।1।</p>
<p></p>
<p>लाख अनमोल कहो यार ये हीरे लेकिन</p>
<p>पर हकीकत है कि मिट्टी ही निवाला देगी।2।<br/>गज़ब के अशआर , गज़ब के अहसास और गज़ब की ग़ज़ल ... हार्दिक बधाई आदरणीय।</p>
<p>सोच अच्छी हो तो मस्जिद या शिवाला देगी</p>
<p>तंग हो और अगर खून का प्याला देगी।1।</p>
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<p>लाख अनमोल कहो यार ये हीरे लेकिन</p>
<p>पर हकीकत है कि मिट्टी ही निवाला देगी।2।<br/>गज़ब के अशआर , गज़ब के अहसास और गज़ब की ग़ज़ल ... हार्दिक बधाई आदरणीय।</p>