Comments - इश्क के बाद है क्या मिला?.('जान" गोरखपुरी) - Open Books Online2024-03-28T21:05:38Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A684691&xn_auth=noआ० गिरिराज सर आपके मुक्तकंठ स…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6853732015-08-04T14:00:53.651ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://www.openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>आ० गिरिराज सर आपके मुक्तकंठ से प्रसंशा पाकर गज़ल पूर्ण हुयी,मन गदगद हुआ! नमन!</p>
<p>आ० गिरिराज सर आपके मुक्तकंठ से प्रसंशा पाकर गज़ल पूर्ण हुयी,मन गदगद हुआ! नमन!</p> गज़ल को स्नेह देने के लिए हार…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6854432015-08-04T13:59:18.710ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://www.openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p> गज़ल को स्नेह देने के लिए हार्दिक आभार आ० इन्तजार सर!!</p>
<p> गज़ल को स्नेह देने के लिए हार्दिक आभार आ० इन्तजार सर!!</p> तहेदिल से शुक्रिया आ० प्रतिभा…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6853722015-08-04T13:58:05.605ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://www.openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>तहेदिल से शुक्रिया आ० प्रतिभा जी!</p>
<p>तहेदिल से शुक्रिया आ० प्रतिभा जी!</p> आ० विनय सरजी! आत्मीय प्रसंशा…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6853712015-08-04T13:57:05.555ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://www.openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>आ० विनय सरजी! आत्मीय प्रसंशा के लिए तहेदिल से आभार!</p>
<p>आ० विनय सरजी! आत्मीय प्रसंशा के लिए तहेदिल से आभार!</p> आ० राजेश कुमारी ज़ी,आपको गज़ल प…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6855142015-08-04T13:56:18.676ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://www.openbooksonline.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>आ० राजेश कुमारी ज़ी,आपको गज़ल पसंद आई रचनाकर्म सार्थक हुआ! हौसलाफजाई के लिए हार्दिक आभार!</p>
<p>आ० राजेश कुमारी ज़ी,आपको गज़ल पसंद आई रचनाकर्म सार्थक हुआ! हौसलाफजाई के लिए हार्दिक आभार!</p> अब सनम जबकि तुम खो गये
ख़ुद से…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6851002015-08-04T08:11:33.622Zगिरिराज भंडारीhttp://www.openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>अब सनम जबकि तुम खो गये</p>
<p>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला -- बहुत खूब आदरनीय , कृष्णा भाई , ग़ज़ल के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।</p>
<p>अब सनम जबकि तुम खो गये</p>
<p>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला -- बहुत खूब आदरनीय , कृष्णा भाई , ग़ज़ल के लिये हार्दिक बधाइयाँ ।</p> आदरणीय कृष्णा जी उम्दा शेर है…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-04:5170231:Comment:6850792015-08-04T02:33:35.759ZMohan Sethi 'इंतज़ार'http://www.openbooksonline.com/profile/MohanSethi
<p>आदरणीय कृष्णा जी उम्दा शेर हैं ......</p>
<p>अब सनम जबकि तुम खो गये</p>
<p>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला</p>
<p>आदरणीय कृष्णा जी उम्दा शेर हैं ......</p>
<p>अब सनम जबकि तुम खो गये</p>
<p>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला</p> अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको बधाई आ०…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-03:5170231:Comment:6852152015-08-03T16:36:26.635Zpratibha pandehttp://www.openbooksonline.com/profile/pratibhapande
<p>अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको बधाई आ० कृष्ण मिश्रा जी </p>
<p>अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको बधाई आ० कृष्ण मिश्रा जी </p> // अब सनम जबकि तुम खो गयेख़ुद…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-03:5170231:Comment:6851502015-08-03T15:53:45.169Zविनय कुमारhttp://www.openbooksonline.com/profile/vinayakumarsingh
<p>// अब सनम जबकि तुम खो गये<br/>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला // , वाह , वाह , बहुत उम्दा , बधाई इस ग़ज़ल के लिए आदरणीय..</p>
<p>// अब सनम जबकि तुम खो गये<br/>ख़ुद से मिलने का मौक़ा मिला // , वाह , वाह , बहुत उम्दा , बधाई इस ग़ज़ल के लिए आदरणीय..</p> सुन्दर ग़ज़ल कही है कृष्ण भैया,…tag:www.openbooksonline.com,2015-08-03:5170231:Comment:6852102015-08-03T15:45:50.653Zrajesh kumarihttp://www.openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है कृष्ण भैया,तहे दिल से दाद लीजिये | </p>
<p>सुन्दर ग़ज़ल कही है कृष्ण भैया,तहे दिल से दाद लीजिये | </p>