Comments - पीछे मेरी दुआ है | - Open Books Online2024-03-29T05:05:38Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A619276&xn_auth=noआ. खुर्शीद जी रचना पर सकारात्…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-23:5170231:Comment:6214142015-02-23T11:15:14.762Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. खुर्शीद जी रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतु आपका आभार |</p>
<p>आ. खुर्शीद जी रचना पर सकारात्मक प्रतिक्रिया हेतु आपका आभार |</p> आ. हरी प्रकाश जी ,,,मैंने सोम…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-23:5170231:Comment:6213062015-02-23T11:14:31.414Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. हरी प्रकाश जी ,,,मैंने सोमेश भाई की बात पर गौर किया है ,,,कुछ संसोधन भी किये ,,,मेरे ख्याल से शब्दों को ऐसे लिखा जा सकता है ,,बाकि आप सभी का मार्गदर्शन ही सब कुछ है | </p>
<p>आ. हरी प्रकाश जी ,,,मैंने सोमेश भाई की बात पर गौर किया है ,,,कुछ संसोधन भी किये ,,,मेरे ख्याल से शब्दों को ऐसे लिखा जा सकता है ,,बाकि आप सभी का मार्गदर्शन ही सब कुछ है | </p> वो आज है नही मेरी दुनिया में …tag:www.openbooksonline.com,2015-02-23:5170231:Comment:6209752015-02-23T04:21:36.574Zkhursheed khairadihttp://www.openbooksonline.com/profile/khursheedkhairadi
<p>वो आज है नही मेरी दुनिया में </p>
<p>फिर भी बसती है मेरे जिया में </p>
<p>लगता है आज भी याद करती है </p>
<p>मुझे पाने की फ़रियाद करती है</p>
<p>शायद खुश है ,जिन्दा है</p>
<p>क्यूंकि उसे कुछ हुआ है</p>
<p>वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है |</p>
<p>आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी ,भावपूर्ण रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें |सादर |</p>
<p>वो आज है नही मेरी दुनिया में </p>
<p>फिर भी बसती है मेरे जिया में </p>
<p>लगता है आज भी याद करती है </p>
<p>मुझे पाने की फ़रियाद करती है</p>
<p>शायद खुश है ,जिन्दा है</p>
<p>क्यूंकि उसे कुछ हुआ है</p>
<p>वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है |</p>
<p>आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी ,भावपूर्ण रचना पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें |सादर |</p> आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, .…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-22:5170231:Comment:6211652015-02-22T21:04:46.375ZHari Prakash Dubeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p>आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, ...चिराग न सही ,पर माचिस तो है</p>
<p>एहसास हो रहा है , उसने ख़त छुआ है....वाह , सुन्दर रचना , बधाई ! बाकी सोमेश भाई की बात पर गौर करियेगा !</p>
<p>आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, ...चिराग न सही ,पर माचिस तो है</p>
<p>एहसास हो रहा है , उसने ख़त छुआ है....वाह , सुन्दर रचना , बधाई ! बाकी सोमेश भाई की बात पर गौर करियेगा !</p> आ. उषा चौधरी जी रचना पर प्यार…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-22:5170231:Comment:6209572015-02-22T18:41:22.326Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. उषा चौधरी जी रचना पर प्यार देने हेतु आपका आभार सादर !!!! </p>
<p>आ. उषा चौधरी जी रचना पर प्यार देने हेतु आपका आभार सादर !!!! </p> आ. विजयशंकर जी रचना पर बधाई ह…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-22:5170231:Comment:6209562015-02-22T18:40:18.664Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. विजयशंकर जी रचना पर बधाई हेतु ,,,,,आपका आभार सादर !!!</p>
<p>आ. विजयशंकर जी रचना पर बधाई हेतु ,,,,,आपका आभार सादर !!!</p> आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, ब…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-22:5170231:Comment:6209522015-02-22T17:20:29.100ZDr. Vijai Shankerhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrVijaiShanker
आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, बहुत बहुत बधाई आपको आपकी इस सुन्दर मनोहर स्मृतियों से भरी प्रस्तुति पर, सादर।
आदरणीय महिर्षि त्रिपाठी जी, बहुत बहुत बधाई आपको आपकी इस सुन्दर मनोहर स्मृतियों से भरी प्रस्तुति पर, सादर। पर अब हुआ मालूम प्यार एक जुआ…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-22:5170231:Comment:6212482015-02-22T15:58:10.369ZUsha Choudhary Sawhney http://www.openbooksonline.com/profile/UshaChoudharySawhney
<p>पर अब हुआ मालूम प्यार एक जुआ है </p>
<p>वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है </p>
<p>आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी, सुन्दर रचना। </p>
<p>पर अब हुआ मालूम प्यार एक जुआ है </p>
<p>वो आज जो है, जैसी है ,पीछे मेरी दुआ है </p>
<p>आदरणीय महर्षि त्रिपाठी जी, सुन्दर रचना। </p> आ. मिथिलेश जी आपका धन्यवाद् |tag:www.openbooksonline.com,2015-02-20:5170231:Comment:6197012015-02-20T16:00:39.977Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. मिथिलेश जी आपका धन्यवाद् |</p>
<p>आ. मिथिलेश जी आपका धन्यवाद् |</p> आ. सोमेश जी ,,आपकी सलाह हेतु…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-20:5170231:Comment:6197002015-02-20T16:00:03.685Zmaharshi tripathihttp://www.openbooksonline.com/profile/maharshitripathi815
<p>आ. सोमेश जी ,,आपकी सलाह हेतु शुक्रिया ,,,,,मुझे लगता है दुनिया भी लिखा जा सकता है ,,,और <strong>मेरे</strong> शायद आपने ठीक कहा इसे सुधार सकते हैं | आपका सादर धन्यवाद् |</p>
<p>आ. सोमेश जी ,,आपकी सलाह हेतु शुक्रिया ,,,,,मुझे लगता है दुनिया भी लिखा जा सकता है ,,,और <strong>मेरे</strong> शायद आपने ठीक कहा इसे सुधार सकते हैं | आपका सादर धन्यवाद् |</p>