Comments - "मेरी रचना" (अतुकान्त-कविता ) - Open Books Online2024-03-29T08:40:35Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A602623&xn_auth=noसोमेश भाई ,उत्साह बर्धन के लि…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-06:5170231:Comment:6028802015-01-06T07:58:26.978Zकंवर करतारhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrKanwarKartarKhandehrbi
<p>सोमेश भाई ,उत्साह बर्धन के लिए शुक्रिया I</p>
<p>सोमेश भाई ,उत्साह बर्धन के लिए शुक्रिया I</p> मेरी रचना का ये सरस भाव ,सभी…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-06:5170231:Comment:6030712015-01-06T05:30:46.068Zsomesh kumarhttp://www.openbooksonline.com/profile/someshkuar
<p>मेरी रचना का ये सरस भाव ,सभी सृजनकर्ता के भावों का ही प्रस्तुतिकरन है ,सभी ऐसा ही महसूस करते हैं ,इस रचना पर बधाई </p>
<p>मेरी रचना का ये सरस भाव ,सभी सृजनकर्ता के भावों का ही प्रस्तुतिकरन है ,सभी ऐसा ही महसूस करते हैं ,इस रचना पर बधाई </p> श्री युत् बागी जी ,सुझाब के ल…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-04:5170231:Comment:6027372015-01-04T16:12:29.287Zकंवर करतारhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrKanwarKartarKhandehrbi
<p>श्री युत् बागी जी ,सुझाब के लिए धन्यबाद Iआप जैसे प्रबुद्ध साहित्यकारों से बहुत कुच्छ सीखने को मिलेगा I</p>
<p>श्री युत् बागी जी ,सुझाब के लिए धन्यबाद Iआप जैसे प्रबुद्ध साहित्यकारों से बहुत कुच्छ सीखने को मिलेगा I</p> भाई दुवे जी ,धन्यबाद Iसादरtag:www.openbooksonline.com,2015-01-04:5170231:Comment:6025922015-01-04T15:58:20.113Zकंवर करतारhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrKanwarKartarKhandehrbi
<p>भाई दुवे जी ,धन्यबाद Iसादर</p>
<p>भाई दुवे जी ,धन्यबाद Iसादर</p> सुन्दर रचना की प्रस्तुति पर ह…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-04:5170231:Comment:6027242015-01-04T13:56:29.938Zमिथिलेश वामनकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/mw
सुन्दर रचना की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई।
सुन्दर रचना की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। //देखते-दिखाते
कभी सुनते-सुना…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-04:5170231:Comment:6024462015-01-04T10:32:05.066ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>//<span style="font-size: 13px;">देखते-दिखाते</span></p>
<p>कभी सुनते-सुनाते</p>
<p>चलते – चलाते</p>
<p>कभी पढ़ते-पढ़ाते</p>
<p>कुछ करते-कराते</p>
<p>कभी <strong>बोलते</strong> बतियाते</p>
<p>न जाने <strong>कब यह</strong> मन</p>
<p>पहुँच जाता है कहाँ //<br/><br/>आदरणीय डॉ साहब, अतुकांत कविता पर एक सार्थक प्रयास हुआ है, कुछ टंकण त्रुटियाँ परिलक्षित हो रही हैं, देख लीजियेगा, कुछ और बार इस प्रस्तुति को पढ़ने से और सुगढ़ता की जगह बन सकती है. बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर.</p>
<p>//<span style="font-size: 13px;">देखते-दिखाते</span></p>
<p>कभी सुनते-सुनाते</p>
<p>चलते – चलाते</p>
<p>कभी पढ़ते-पढ़ाते</p>
<p>कुछ करते-कराते</p>
<p>कभी <strong>बोलते</strong> बतियाते</p>
<p>न जाने <strong>कब यह</strong> मन</p>
<p>पहुँच जाता है कहाँ //<br/><br/>आदरणीय डॉ साहब, अतुकांत कविता पर एक सार्थक प्रयास हुआ है, कुछ टंकण त्रुटियाँ परिलक्षित हो रही हैं, देख लीजियेगा, कुछ और बार इस प्रस्तुति को पढ़ने से और सुगढ़ता की जगह बन सकती है. बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर.</p> इस रचना पर बधाई स्वीकार करें…tag:www.openbooksonline.com,2015-01-04:5170231:Comment:6026392015-01-04T09:42:50.228ZHari Prakash Dubeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/HariPrakashDubey
<p>इस रचना पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी जी !</p>
<p>इस रचना पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी जी !</p>