Comments - नवरात्रि के जश्न में कुछ सुलगते प्रश्न - Open Books Online2024-03-29T12:59:23Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A579057&xn_auth=noबहुत अच्छा आलेख लिखा है आपने…tag:www.openbooksonline.com,2014-10-05:5170231:Comment:5793972014-10-05T04:32:50.227Zrajesh kumarihttp://www.openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p>बहुत अच्छा आलेख लिखा है आपने ,ये ऐसे प्रश्न हैं जो सदा से समाज में उभरते रहे हैं और समाज द्वारा ही दबाये गए हैं किन्तु अब वक़्त बदल रहा है नारी शिक्षा नारियों को जागरूक करने के साथ अपने ऊपर हुए अन्याय के खिलाफ सर उठाने की शक्ति दे रही है जरूरत है एक जुट होकर इन कुरीतियों का नाश करने की भ्रूण हत्या के खिलाफ जैम कर आवाज उठाने की जो जबरदस्ती भ्रूण हत्या करवाए जरूरत है उसको सलाखों के पीछे भिजवाने की न की नतमस्तक होकर इस अन्याय को बढ़ावा दें |बहुत बहुत बधाई आपको इस आलेख के लिए |</p>
<p>बहुत अच्छा आलेख लिखा है आपने ,ये ऐसे प्रश्न हैं जो सदा से समाज में उभरते रहे हैं और समाज द्वारा ही दबाये गए हैं किन्तु अब वक़्त बदल रहा है नारी शिक्षा नारियों को जागरूक करने के साथ अपने ऊपर हुए अन्याय के खिलाफ सर उठाने की शक्ति दे रही है जरूरत है एक जुट होकर इन कुरीतियों का नाश करने की भ्रूण हत्या के खिलाफ जैम कर आवाज उठाने की जो जबरदस्ती भ्रूण हत्या करवाए जरूरत है उसको सलाखों के पीछे भिजवाने की न की नतमस्तक होकर इस अन्याय को बढ़ावा दें |बहुत बहुत बधाई आपको इस आलेख के लिए |</p> आपने एक बहुत ही गहन विषय पर अ…tag:www.openbooksonline.com,2014-10-04:5170231:Comment:5794352014-10-04T04:10:45.800Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://www.openbooksonline.com/profile/JitendraPastariya
<p>आपने एक बहुत ही गहन विषय पर अपना प्रश्न रख छोड़ा है. आदरणीय बागी जी के विचारों से पूर्णत: सहमत हूँ, इस आलेख पर आपको हार्दिक बधाई आदरणीया डा.हृदेश जी</p>
<p>आपने एक बहुत ही गहन विषय पर अपना प्रश्न रख छोड़ा है. आदरणीय बागी जी के विचारों से पूर्णत: सहमत हूँ, इस आलेख पर आपको हार्दिक बधाई आदरणीया डा.हृदेश जी</p> आदरणीया डॉ साहिबा, कुछ प्रश्न…tag:www.openbooksonline.com,2014-10-03:5170231:Comment:5791712014-10-03T02:59:32.549ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीया डॉ साहिबा, कुछ प्रश्न ऐसे होते है जो सदैव सामयिक होते हैं, भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियाँ अधिकतर पढ़े लिखे और तथाकथित कुलीन परिवारों में है और इसको फाइनल टच देने का कार्य भी समाज के क्रीम प्रोफेसन के लोग अर्थात डाक्टर अंजाम देते हैं, चंद सिक्को की खनखनाहट इन्हे बहरा और अंधा बनाये हुए है, क्या कही जाय, नारी ही नारी को मारने पर तुली है। <br/>एक सामयिक आलेख पर बधाई प्रेषित करता हूँ , स्वीकार करें .</p>
<p>आदरणीया डॉ साहिबा, कुछ प्रश्न ऐसे होते है जो सदैव सामयिक होते हैं, भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियाँ अधिकतर पढ़े लिखे और तथाकथित कुलीन परिवारों में है और इसको फाइनल टच देने का कार्य भी समाज के क्रीम प्रोफेसन के लोग अर्थात डाक्टर अंजाम देते हैं, चंद सिक्को की खनखनाहट इन्हे बहरा और अंधा बनाये हुए है, क्या कही जाय, नारी ही नारी को मारने पर तुली है। <br/>एक सामयिक आलेख पर बधाई प्रेषित करता हूँ , स्वीकार करें .</p> सत्य कहा आपने ।tag:www.openbooksonline.com,2014-10-02:5170231:Comment:5788972014-10-02T15:20:04.727ZSulabh Agnihotrihttp://www.openbooksonline.com/profile/SulabhAgnihotri
<p>सत्य कहा आपने ।</p>
<p>सत्य कहा आपने ।</p>