Comments - गजल - शशि पुरवार - Open Books Online2024-03-28T11:35:40Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A568719&xn_auth=noआप सभी माननीय सुधिजनो का हृदय…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-24:5170231:Comment:5694952014-08-24T13:07:31.472Zshashi purwarhttp://www.openbooksonline.com/profile/shashipurwar
<p>आप सभी माननीय सुधिजनो का हृदय तल से आभार , आप सभी की अनमोल टिप्पणी ने रचना को गौरान्वित किया और हमें बहुत उर्ज्वासित किया</p>
<p>आप सभी माननीय सुधिजनो का हृदय तल से आभार , आप सभी की अनमोल टिप्पणी ने रचना को गौरान्वित किया और हमें बहुत उर्ज्वासित किया</p> लाजवाब गज़ल हेतु बहुत बहुत बधा…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-23:5170231:Comment:5696122014-08-23T08:29:43.892ZMeena Pathakhttp://www.openbooksonline.com/profile/MeenaPathak
<p>लाजवाब गज़ल हेतु बहुत बहुत बधाई आप को</p>
<p>लाजवाब गज़ल हेतु बहुत बहुत बधाई आप को</p> आदरणीया शशि जी ..इस सुंदर ग़ज़ल…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-22:5170231:Comment:5691862014-08-22T09:12:46.007ZDr Ashutosh Mishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीया शशि जी ..इस सुंदर ग़ज़ल के हार्दिक बधाई ..सादर </p>
<p>आदरणीया शशि जी ..इस सुंदर ग़ज़ल के हार्दिक बधाई ..सादर </p> आदरणीया शशिजी, ग़ज़ल विधा पर आप…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-22:5170231:Comment:5692552014-08-22T07:58:08.800ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आदरणीया शशिजी, ग़ज़ल विधा पर आपका प्रयास अच्छा लगा.</p>
<p>यों इस ग़ज़ल के कुछ शेरों के कथ्यों में तार्किकता आवश्यक है. </p>
<p>बहरहाल, आपके इस गंभीर प्रयास के लिए बधाई .....</p>
<p></p>
<p>आदरणीया शशिजी, ग़ज़ल विधा पर आपका प्रयास अच्छा लगा.</p>
<p>यों इस ग़ज़ल के कुछ शेरों के कथ्यों में तार्किकता आवश्यक है. </p>
<p>बहरहाल, आपके इस गंभीर प्रयास के लिए बधाई .....</p>
<p></p> वर्तमान की गंदगियों को अच्छे…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-21:5170231:Comment:5688982014-08-21T07:27:44.265Zविजय मिश्रhttp://www.openbooksonline.com/profile/37jicf27kggmy
वर्तमान की गंदगियों को अच्छे शब्दों से नवाजा है ,रचना अपने उदेश्य में सफल हो , समाज से कलुषता समाप्त हो | ईश्वर से प्रार्थना है |<br />
<br />
बाँट लो खुशियाँ सभी जीवन है कम<br />
ख्वाब अँखियों के करे साकार क्या |- बहुत प्रभावित किया |साधुवाद शशिजी
वर्तमान की गंदगियों को अच्छे शब्दों से नवाजा है ,रचना अपने उदेश्य में सफल हो , समाज से कलुषता समाप्त हो | ईश्वर से प्रार्थना है |<br />
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बाँट लो खुशियाँ सभी जीवन है कम<br />
ख्वाब अँखियों के करे साकार क्या |- बहुत प्रभावित किया |साधुवाद शशिजी शशि जी
बहुत लाजवाब गजल itag:www.openbooksonline.com,2014-08-20:5170231:Comment:5689482014-08-20T08:25:56.664Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://www.openbooksonline.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>शशि जी</p>
<p>बहुत लाजवाब गजल i</p>
<p>शशि जी</p>
<p>बहुत लाजवाब गजल i</p> लुट रही है राह में हर नार क्य…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-20:5170231:Comment:5686822014-08-20T04:19:27.737Zगिरिराज भंडारीhttp://www.openbooksonline.com/profile/girirajbhandari
<p>लुट रही है राह में हर नार क्यों<br/> झुक रहा है शर्म से संसार क्या </p>
<p>गुम हुआ साया भी अपना छोड़कर <br/> हो रहा जीना भी अब दुश्वार क्या -----आदरणीया शशि जी , बहुत सुन्दर ग़ज़ल और इन अश 'आर के लिए बधाइयाँ |</p>
<p>लुट रही है राह में हर नार क्यों<br/> झुक रहा है शर्म से संसार क्या </p>
<p>गुम हुआ साया भी अपना छोड़कर <br/> हो रहा जीना भी अब दुश्वार क्या -----आदरणीया शशि जी , बहुत सुन्दर ग़ज़ल और इन अश 'आर के लिए बधाइयाँ |</p> आदरणीया शशि पुरवार जी, सदर अभ…tag:www.openbooksonline.com,2014-08-19:5170231:Comment:5687662014-08-19T15:45:01.340ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://www.openbooksonline.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>आदरणीया शशि पुरवार जी, सदर अभिवादन!</p>
<p>मेरे हिशाब से प्रासंगिक पंक्तियाँ- </p>
<p><span>लुट रही है राह में हर नार क्यों</span><br/><span>झुक रहा है शर्म से संसार क्या ३ साधुवाद!</span></p>
<p>आदरणीया शशि पुरवार जी, सदर अभिवादन!</p>
<p>मेरे हिशाब से प्रासंगिक पंक्तियाँ- </p>
<p><span>लुट रही है राह में हर नार क्यों</span><br/><span>झुक रहा है शर्म से संसार क्या ३ साधुवाद!</span></p>