Comments - कह मुकरियाँ -- शशि पुरवार - Open Books Online2024-03-29T05:43:09Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A513954&xn_auth=noअच्छी कह मुकरियों के लिये हार…tag:www.openbooksonline.com,2014-03-16:5170231:Comment:5217902014-03-16T12:34:56.745Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://www.openbooksonline.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥</p>
<p>अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥</p> अच्छी कह मुकरियों के लिये हार…tag:www.openbooksonline.com,2014-03-16:5170231:Comment:5220142014-03-16T12:32:39.290Zअजीत शर्मा 'आकाश'http://www.openbooksonline.com/profile/AjeetSharmaAakash
<p>अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥</p>
<p>अच्छी कह मुकरियों के लिये हार्दिक बधाई ॥</p> आदरणीय योगराज जी मुकरिया के ज…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-26:5170231:Comment:5157982014-02-26T10:40:24.043Zshashi purwarhttp://www.openbooksonline.com/profile/shashipurwar
<p>आदरणीय योगराज जी मुकरिया के जबाब में आपकी मुकरिया बहुत अच्छी लगी आपको बधाई और तहे दिल से आभार</p>
<p>आदरणीय योगराज जी मुकरिया के जबाब में आपकी मुकरिया बहुत अच्छी लगी आपको बधाई और तहे दिल से आभार</p> आदरणीय अरुण जी मार्गदर्शन हेत…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-26:5170231:Comment:5158272014-02-26T10:39:13.400Zshashi purwarhttp://www.openbooksonline.com/profile/shashipurwar
<p>आदरणीय अरुण जी मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार</p>
<p>आदरणीय आशुतोष जी इस विधा को पढ़कर बहुत आनंद आया तो रहा ही नहीं गया ,भूल यह हो गयी इसके बारे में ज्यादा ज्ञात नहीं था सिर्फ सुना ही था। आपका आभार</p>
<p>राम जी बहुत बहुत धन्यवाद </p>
<p></p>
<p>आदरणीय प्राची जी इस सन्दर्भ में कुछ भ्रम होने की बजह से यह गलती हुई मार्गदर्शन हेतु आभार , इन्हे जरुर परिवर्तित कर दूँगी</p>
<p>आदरणीय अरुण जी मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार</p>
<p>आदरणीय आशुतोष जी इस विधा को पढ़कर बहुत आनंद आया तो रहा ही नहीं गया ,भूल यह हो गयी इसके बारे में ज्यादा ज्ञात नहीं था सिर्फ सुना ही था। आपका आभार</p>
<p>राम जी बहुत बहुत धन्यवाद </p>
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<p>आदरणीय प्राची जी इस सन्दर्भ में कुछ भ्रम होने की बजह से यह गलती हुई मार्गदर्शन हेतु आभार , इन्हे जरुर परिवर्तित कर दूँगी</p> आदरणीय योगराज जी आभार आपकी प्…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-26:5170231:Comment:5159122014-02-26T10:34:15.995Zshashi purwarhttp://www.openbooksonline.com/profile/shashipurwar
<p>आदरणीय योगराज जी आभार आपकी प्रतिक्रिया से गलती समझ गयी और आपकी मुकरियाँ पढ़कर आनंद आया और मुस्कान भी :)</p>
<p>मुझे यह ज्ञात नहीं था की साजन का ही भ्रम दिखाना है कुछ और जगह बहुत से भाव की मुकरी पढ़ी थी इसीलिए भ्रमित हो गयी , पर इन्हे अब सुधार लूंगी</p>
<p>मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार</p>
<p>आदरणीय योगराज जी आभार आपकी प्रतिक्रिया से गलती समझ गयी और आपकी मुकरियाँ पढ़कर आनंद आया और मुस्कान भी :)</p>
<p>मुझे यह ज्ञात नहीं था की साजन का ही भ्रम दिखाना है कुछ और जगह बहुत से भाव की मुकरी पढ़ी थी इसीलिए भ्रमित हो गयी , पर इन्हे अब सुधार लूंगी</p>
<p>मार्गदर्शन हेतु तहे दिल से आभार</p> कहमुकारियों पर सुन्दर प्रयास…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-25:5170231:Comment:5151942014-02-25T08:23:23.491ZDr.Prachi Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>कहमुकारियों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आ० शशि जी </p>
<p></p>
<p>विधा के अनुसार कह्मुकरी में पहली तीन पंक्तियों में साजन की ही बात होने का भ्रम होना चाहिए तो.. इस दृष्टि से पंक्तियाँ पुल्लिंग संज्ञा का निर्वहन करटी हुई होनी चाहियें...</p>
<p><span>रोज ,रात -दिन चलती जाती</span><br></br><span>रुक गयी तो मुझे डराती</span><br></br><span>झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी.................यहाँ तो स्त्रेकिंग संज्ञा की बात की गयी है </span><br></br><span>क्या सखि साजन ?............................तो साजन का भ्रम कैसे हो…</span></p>
<p>कहमुकारियों पर सुन्दर प्रयास हुआ है आ० शशि जी </p>
<p></p>
<p>विधा के अनुसार कह्मुकरी में पहली तीन पंक्तियों में साजन की ही बात होने का भ्रम होना चाहिए तो.. इस दृष्टि से पंक्तियाँ पुल्लिंग संज्ञा का निर्वहन करटी हुई होनी चाहियें...</p>
<p><span>रोज ,रात -दिन चलती जाती</span><br/><span>रुक गयी तो मुझे डराती</span><br/><span>झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी.................यहाँ तो स्त्रेकिंग संज्ञा की बात की गयी है </span><br/><span>क्या सखि साजन ?............................तो साजन का भ्रम कैसे हो सकता है ?</span><br/><span>ना काल घडी</span></p>
<p></p>
<p>इस प्रयास पर मेरे शुभकामनाएं </p>
<p>सस्नेह </p> आदरणीया शशि जी ...अभी कुछ दिन…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-22:5170231:Comment:5144792014-02-22T12:52:29.673ZDr Ashutosh Mishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीया शशि जी ...अभी कुछ दिनों से ही काव्य की इस बिधा पर लगातार पढने को मिल रहा है ..बचपन में कुछ फ़िल्मी गीत इस तरह के सुने थे ..आपका प्रयास बहुट अच्छा लगा ..मेरे मन में जो संसय थे उनका निवारण विद्वतजनो ने पहली ही कर दिया है ..आपको तहे दिल बधाई के साथ ..सादर </p>
<p>आदरणीया शशि जी ...अभी कुछ दिनों से ही काव्य की इस बिधा पर लगातार पढने को मिल रहा है ..बचपन में कुछ फ़िल्मी गीत इस तरह के सुने थे ..आपका प्रयास बहुट अच्छा लगा ..मेरे मन में जो संसय थे उनका निवारण विद्वतजनो ने पहली ही कर दिया है ..आपको तहे दिल बधाई के साथ ..सादर </p> सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया शशि…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-22:5170231:Comment:5145562014-02-22T08:34:03.177Zram shiromani pathakhttp://www.openbooksonline.com/profile/ramshiromanipathak
<p>सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया शशि जी,बाकी गुरुजनों ने कह ही दिया है ......... सादर </p>
<p>सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया शशि जी,बाकी गुरुजनों ने कह ही दिया है ......... सादर </p> आदरणीया , रुक ( RUK) के र में…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-21:5170231:Comment:5145262014-02-21T15:31:56.866Zअरुण कुमार निगमhttp://www.openbooksonline.com/profile/arunkumarnigam
<p>आदरणीया , रुक ( RUK) के र में छोटे उ की मात्रा होती है। रूप ( ROOP) के र में बड़े ऊ की मात्रा होती है अतएव रुक को दो और रूप को ३ मात्रा में गिना जाता है।</p>
<p>आदरणीया , रुक ( RUK) के र में छोटे उ की मात्रा होती है। रूप ( ROOP) के र में बड़े ऊ की मात्रा होती है अतएव रुक को दो और रूप को ३ मात्रा में गिना जाता है।</p> //रोज ,रात -दिन चलती जाती रुक…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-21:5170231:Comment:5142682014-02-21T09:53:59.099Zयोगराज प्रभाकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/YograjPrabhakar
<p>//रोज ,रात -दिन चलती जाती<br/> रुक गयी तो मुझे डराती<br/> झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी<br/> क्या सखि साजन ?<br/> ना काल घडी//</p>
<p></p>
<p>कहमुकरी ऊपर से जाए <br/>नर या मादा समझ न आए <br/>राजन को कर डाला रजनी <br/>क्या "शशि" साजन ?<br/>ना "शशि" सजनी</p>
<p>//रोज ,रात -दिन चलती जाती<br/> रुक गयी तो मुझे डराती<br/> झटपट चलती है ,खड़ी - खड़ी<br/> क्या सखि साजन ?<br/> ना काल घडी//</p>
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<p>कहमुकरी ऊपर से जाए <br/>नर या मादा समझ न आए <br/>राजन को कर डाला रजनी <br/>क्या "शशि" साजन ?<br/>ना "शशि" सजनी</p>