Comments - लघुकथा : चलन (गणेश जी बागी) - Open Books Online2024-03-29T13:20:26Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A490906&xn_auth=noकटाक्ष जबरदस्त.... हाय रे ठण्…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-11:5170231:Comment:6161992015-02-11T20:29:12.179Zमिथिलेश वामनकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/mw
<p>कटाक्ष जबरदस्त.... हाय रे ठण्ड की ऐसी गरमाई ..... फेसबुक पर ऐसी कई तस्वीरें इसी जाड़े में नजर आई </p>
<p>कटाक्ष जबरदस्त.... हाय रे ठण्ड की ऐसी गरमाई ..... फेसबुक पर ऐसी कई तस्वीरें इसी जाड़े में नजर आई </p> आदरणीय बागी जी इस लघु कथा ने…tag:www.openbooksonline.com,2014-02-16:5170231:Comment:5132542014-02-16T18:20:35.132ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://www.openbooksonline.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>आदरणीय बागी जी इस लघु कथा ने सच पर डाले परदे को उघार कर रख दिया एक कड़वा सच। … काश लोग आँखें खोलें <br/>सुन्दर। <br/>भ्रमर ५ <br/>प्रतापगढ़ उ.प्रदेश</p>
<p>आदरणीय बागी जी इस लघु कथा ने सच पर डाले परदे को उघार कर रख दिया एक कड़वा सच। … काश लोग आँखें खोलें <br/>सुन्दर। <br/>भ्रमर ५ <br/>प्रतापगढ़ उ.प्रदेश</p> //....क्या ऐसा भी होता है....…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4928422013-12-27T17:11:04.659ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>//....क्या ऐसा भी होता है....वेरी बेड.//</p>
<p>बहुत कुछ होता है आदरणीया कुंती मुखर्जी जी |</p>
<p>//....क्या ऐसा भी होता है....वेरी बेड.//</p>
<p>बहुत कुछ होता है आदरणीया कुंती मुखर्जी जी |</p> सराहना हेतु ह्रदय से आभार आशी…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4930202013-12-27T17:08:30.841ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु ह्रदय से आभार आशीष नैथानी जी |</p>
<p>सराहना हेतु ह्रदय से आभार आशीष नैथानी जी |</p> आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4930192013-12-27T17:07:17.001ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी, आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्प्णी सदैव नवलेखन को प्रोत्साहित करती है, बहुत बहुत आभार |</p>
<p>आदरणीया अन्नपूर्णा बाजपेयी जी, आपकी उत्साहवर्धन करती टिप्प्णी सदैव नवलेखन को प्रोत्साहित करती है, बहुत बहुत आभार |</p> सराहना हेतु बहुत बहुत आभार तप…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4928372013-12-27T17:04:52.833ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>सराहना हेतु बहुत बहुत आभार तपन दुबे जी |</p>
<p>सराहना हेतु बहुत बहुत आभार तपन दुबे जी |</p> उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4929242013-12-27T17:04:07.829ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु ह्रदय से आभार आदरणीय अभिनव अरुण जी |</p>
<p>उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु ह्रदय से आभार आदरणीय अभिनव अरुण जी |</p> बहुत बहुत आभार आदरणीय प्रधान…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4929232013-12-27T17:03:10.165ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://www.openbooksonline.com/profile/GaneshJee
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय प्रधान सम्पादक श्री योगराज प्रभाकर जी, लघुकथा के महारथी से सराहना पाना खुद में एक पुरस्कार जैसा है, पुनः आभार |</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय प्रधान सम्पादक श्री योगराज प्रभाकर जी, लघुकथा के महारथी से सराहना पाना खुद में एक पुरस्कार जैसा है, पुनः आभार |</p> वाह! सच्चाई को बहुत सुन्दरता…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-27:5170231:Comment:4924652013-12-27T04:22:12.599Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>वाह! <span style="font-size: 13px;">सच्चाई को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! आपको हार्दिक बधाई!</span></p>
<p>वाह! <span style="font-size: 13px;">सच्चाई को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! आपको हार्दिक बधाई!</span></p> आजकी ऐसी नंगी सच्चाई जिसका हो…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-26:5170231:Comment:4925292013-12-26T20:30:35.766ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आजकी ऐसी नंगी सच्चाई जिसका होना मानवीय सामाजिकता को गुनाहों के दर तक ले गयी है. इस लघुकथा के लिए हृदय से बधाई भाई गनेसजी.<br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p>
<p>आजकी ऐसी नंगी सच्चाई जिसका होना मानवीय सामाजिकता को गुनाहों के दर तक ले गयी है. इस लघुकथा के लिए हृदय से बधाई भाई गनेसजी.<br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p>