Comments - गर्भाधान (लघुकथा) - रवि प्रभाकर - Open Books Online2024-03-29T15:36:24Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A484663&xn_auth=no आपकी इस लघुकथा को पुन: पढ़ी.…tag:www.openbooksonline.com,2015-02-05:5170231:Comment:6146422015-02-05T14:20:16.132Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://www.openbooksonline.com/profile/JitendraPastariya
<p> आपकी इस लघुकथा को पुन: पढ़ी. बहुत ही उम्दा लघुकथाओं में से एक. शब्दों को बिलकुल सुनार की तरह तौलकर, सजीव सा चित्र उभारती और शीर्षक अपने पूर्ण महत्व के साथ. आपकी लेखनी को नमन, आदरणीय रवि जी.</p>
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<p>सादर!</p>
<p> आपकी इस लघुकथा को पुन: पढ़ी. बहुत ही उम्दा लघुकथाओं में से एक. शब्दों को बिलकुल सुनार की तरह तौलकर, सजीव सा चित्र उभारती और शीर्षक अपने पूर्ण महत्व के साथ. आपकी लेखनी को नमन, आदरणीय रवि जी.</p>
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<p>सादर!</p> आदरणीय अशोक जी, सारथी जी, डाॅ…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-26:5170231:Comment:5040772014-01-26T08:59:58.562ZRavi Prabhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviPrabhakar
<p>आदरणीय अशोक जी, सारथी जी, डाॅ. आशुतोष जी एवं महेश्वरी जी,<br/><br/>प्रणाम । रचना को पढ़ने एवं पसंद करने हेतु धन्यवाद।</p>
<p>आदरणीय अशोक जी, सारथी जी, डाॅ. आशुतोष जी एवं महेश्वरी जी,<br/><br/>प्रणाम । रचना को पढ़ने एवं पसंद करने हेतु धन्यवाद।</p> आदरणीय बहन महिमा श्री जीआप जै…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-26:5170231:Comment:5043182014-01-26T08:57:37.020ZRavi Prabhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviPrabhakar
<p>आदरणीय बहन महिमा श्री जी<br/>आप जैसे ज्ञानवानों की टिप्पणी आॅक्सीजन का कार्य करती है। सार्थक टिप्पणी हेतु धन्यवाद।</p>
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<p>आदरणीय बहन महिमा श्री जी<br/>आप जैसे ज्ञानवानों की टिप्पणी आॅक्सीजन का कार्य करती है। सार्थक टिप्पणी हेतु धन्यवाद।</p>
<p></p> आदरणीय अन्नपूर्णा जी,सादर प्र…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-26:5170231:Comment:5041802014-01-26T08:54:04.137ZRavi Prabhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviPrabhakar
<p>आदरणीय अन्नपूर्णा जी,<br/>सादर प्रणाम। रचना को पढ़ने व प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद।</p>
<p>आदरणीय अन्नपूर्णा जी,<br/>सादर प्रणाम। रचना को पढ़ने व प्रतिक्रिया हेतु धन्यवाद।</p> आदरणीय प्रबंधन बोर्ड एवं सम्म…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-26:5170231:Comment:5042442014-01-26T08:52:27.405ZRavi Prabhakarhttp://www.openbooksonline.com/profile/RaviPrabhakar
<p>आदरणीय प्रबंधन बोर्ड एवं सम्माननीय पाठक जनों<br></br>सभी को सादर प्रणाम। <br></br>‘माह की सर्वश्रेष्ठ रचना’ का सम्मान पा धन्य हुआ। इस साधारण सी प्रस्तुति पर सुधिजनों का प्यार पा मन बहुत हर्षित है। प्रबन्धन बोर्ड का हृदय से आभारी हूं। श्री गणेश जी बागी, श्री योगराज प्रभाकर जी, श्री सौरभ पाण्डेय जी, राणा प्रताप सिंह जी एवं आदरणीय डाॅ. प्राची सिंह जी का बहुत धन्यवाद करता हूं। जीवन की कुछ विषम परिस्थितयों के कारण प्रतिक्रिया बहुत देर से किए जाने पर क्षमा प्रार्थी हूं। मंच का बहुत आभारी हूं जिसने मेरी…</p>
<p>आदरणीय प्रबंधन बोर्ड एवं सम्माननीय पाठक जनों<br/>सभी को सादर प्रणाम। <br/>‘माह की सर्वश्रेष्ठ रचना’ का सम्मान पा धन्य हुआ। इस साधारण सी प्रस्तुति पर सुधिजनों का प्यार पा मन बहुत हर्षित है। प्रबन्धन बोर्ड का हृदय से आभारी हूं। श्री गणेश जी बागी, श्री योगराज प्रभाकर जी, श्री सौरभ पाण्डेय जी, राणा प्रताप सिंह जी एवं आदरणीय डाॅ. प्राची सिंह जी का बहुत धन्यवाद करता हूं। जीवन की कुछ विषम परिस्थितयों के कारण प्रतिक्रिया बहुत देर से किए जाने पर क्षमा प्रार्थी हूं। मंच का बहुत आभारी हूं जिसने मेरी प्रस्तुतियों को पढ़ा, सराहा और सम्मान दिया। धन्यवाद।</p> सुंदर और गूढ अर्थ से परिपूर्…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-11:5170231:Comment:4983622014-01-11T08:51:34.099ZMaheshwari Kanerihttp://www.openbooksonline.com/profile/MaheshwariKaneri
<p><span> सुंदर और गूढ अर्थ से परिपूर्ण सुन्दर लघु कथा..बधाई आप को रवि जी</span></p>
<p><span> सुंदर और गूढ अर्थ से परिपूर्ण सुन्दर लघु कथा..बधाई आप को रवि जी</span></p> आदरणीय रवि जी ..आपकी रचना को…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-07:5170231:Comment:4972172014-01-07T10:04:43.691ZDr Ashutosh Mishrahttp://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय रवि जी ..आपकी रचना को सर्ब्श्रेष्ट रचना चुने जाने पर हार्दिक बधाई ..नव बर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ..सादर </p>
<p>आदरणीय रवि जी ..आपकी रचना को सर्ब्श्रेष्ट रचना चुने जाने पर हार्दिक बधाई ..नव बर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ ..सादर </p> आपकी लघुकथा ..मस्तिष्क पर दीर…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-07:5170231:Comment:4969222014-01-07T02:18:28.931ZSaarthi Baidyanathhttp://www.openbooksonline.com/profile/saarthibaidyanath
<p>आपकी लघुकथा ..मस्तिष्क पर दीर्घ व अमिट छाप छोड़ने वाली है | श्रेष्ठ चयन के लिए हार्दिक बधाइयाँ :)</p>
<p>आपकी लघुकथा ..मस्तिष्क पर दीर्घ व अमिट छाप छोड़ने वाली है | श्रेष्ठ चयन के लिए हार्दिक बधाइयाँ :)</p> आदरणीय रवि जी सादर, आपकी लघुक…tag:www.openbooksonline.com,2014-01-05:5170231:Comment:4966332014-01-05T16:33:12.665ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय रवि जी सादर, आपकी लघुकथा वाकई सशक्त है सच है कवि के साथ घटने वाली छोटी छोटी घटनाएं भी उसकी रचना के खाके बनाती है. देर से ही सही आपकी इस रचना का श्रेष्ठ रचना के चयन लिए हार्दिक बधाई.</p>
<p>आदरणीय रवि जी सादर, आपकी लघुकथा वाकई सशक्त है सच है कवि के साथ घटने वाली छोटी छोटी घटनाएं भी उसकी रचना के खाके बनाती है. देर से ही सही आपकी इस रचना का श्रेष्ठ रचना के चयन लिए हार्दिक बधाई.</p> गजब .. आज तक की पढ़ी सबसे जबरद…tag:www.openbooksonline.com,2013-12-26:5170231:Comment:4921852013-12-26T15:09:04.472ZMAHIMA SHREEhttp://www.openbooksonline.com/profile/MAHIMASHREE
<p>गजब .. आज तक की पढ़ी सबसे जबरदस्त लघुकथा ... शीर्षक पढ़ कर भान भी नहीं हुआ की किस परिपेक्ष्य में ये रखा गया होगा .... अनेकों बधाइयां आदरणीय रवि प्रभाकर जी... सादर</p>
<p>गजब .. आज तक की पढ़ी सबसे जबरदस्त लघुकथा ... शीर्षक पढ़ कर भान भी नहीं हुआ की किस परिपेक्ष्य में ये रखा गया होगा .... अनेकों बधाइयां आदरणीय रवि प्रभाकर जी... सादर</p>