Comments - डमरू घनाक्षरी / गीतिका 'वेदिका' - Open Books Online2024-03-29T12:35:31Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A355872&xn_auth=noआदरणीय जीतेन्द्र जी! आपको डमर…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-24:5170231:Comment:3668512013-05-24T09:06:30.557Zवेदिकाhttp://www.openbooksonline.com/profile/vedikagitika
<p><span>आदरणीय जीतेन्द्र जी! आपको डमरू छंद अच्छा लगा , आपने सराहना कर के मेरा उत्साह सम्वर्धन किया ,,,अस्तु आपका आभार। </span></p>
<div>यह मेरा प्रथम प्रयास ही है ...डमरू छंद पर ..और अभी अभी मैंने हाथ आजमाइश करना प्रारम्भ किया है छंद विधा पर ... </div>
<p><span>आदरणीय जीतेन्द्र जी! आपको डमरू छंद अच्छा लगा , आपने सराहना कर के मेरा उत्साह सम्वर्धन किया ,,,अस्तु आपका आभार। </span></p>
<div>यह मेरा प्रथम प्रयास ही है ...डमरू छंद पर ..और अभी अभी मैंने हाथ आजमाइश करना प्रारम्भ किया है छंद विधा पर ... </div> "Aadrniya...gitika 'vedika '…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-22:5170231:Comment:3662802013-05-22T19:25:58.904Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://www.openbooksonline.com/profile/JitendraPastariya
"Aadrniya...gitika 'vedika ' ji, aapki "dmru ghanakshri " panktiyan pdi..chhando ka mujhe gyan to nhi, pr bda aascharychakit rh gya...bina matraon ke aapne bhut khoob likha hai
"Aadrniya...gitika 'vedika ' ji, aapki "dmru ghanakshri " panktiyan pdi..chhando ka mujhe gyan to nhi, pr bda aascharychakit rh gya...bina matraon ke aapne bhut khoob likha hai आदरनीय सौरभ जी! प्रयास पर उत्…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-02:5170231:Comment:3570232013-05-02T17:53:53.900Zवेदिकाhttp://www.openbooksonline.com/profile/vedikagitika
<p>आदरनीय सौरभ जी! <br/>प्रयास पर उत्साह वर्धन के लिए आभार <br/>प्रयास प्रथम ही है मेरा ..और मैंने कोशिश भी की है ये छंद मात्र लघु वर्णों का समुच्च ही न हो बल्कि उसका कोई सार्थक अर्थ भी हो ..मार्ग दर्शन बनाये रखिये</p>
<p>आदरनीय सौरभ जी! <br/>प्रयास पर उत्साह वर्धन के लिए आभार <br/>प्रयास प्रथम ही है मेरा ..और मैंने कोशिश भी की है ये छंद मात्र लघु वर्णों का समुच्च ही न हो बल्कि उसका कोई सार्थक अर्थ भी हो ..मार्ग दर्शन बनाये रखिये</p> आपने इस घनाक्षरी की भूमिका मे…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-02:5170231:Comment:3567682013-05-02T17:43:59.048ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपने इस घनाक्षरी की भूमिका में लिखा है कि यह बिना मात्रा के शब्दों वाली घनाक्षरी लिखने की विधा है. उस हिसाब से आपका प्रयास सराहनीय है. </p>
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<p>आपने इस घनाक्षरी की भूमिका में लिखा है कि यह बिना मात्रा के शब्दों वाली घनाक्षरी लिखने की विधा है. उस हिसाब से आपका प्रयास सराहनीय है. </p>
<p></p> आदरणीय प्रदीप कुमार जी!, आदरण…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-02:5170231:Comment:3568462013-05-02T14:34:17.107Zवेदिकाhttp://www.openbooksonline.com/profile/vedikagitika
<p>आदरणीय प्रदीप कुमार जी!, आदरणीय बृजेश जी!, आदरनीय अरुण जी!, आदरणीय मनोज जी!, आदरणीय रक्ताले जी!, आदरणीया वन्दना तिवारी जी!, <br/>आप सभी के स्नेह के लिए बहुत कृताथ हूँ ...डमरू छंद पर मेरा प्रथम प्रयास ही है ये ....आपने इसे सर आँखों पर लेकर मुझे गौरान्वित ही नही बल्कि गर्वीली भी कर दिया ...आभार!</p>
<p>आदरणीय प्रदीप कुमार जी!, आदरणीय बृजेश जी!, आदरनीय अरुण जी!, आदरणीय मनोज जी!, आदरणीय रक्ताले जी!, आदरणीया वन्दना तिवारी जी!, <br/>आप सभी के स्नेह के लिए बहुत कृताथ हूँ ...डमरू छंद पर मेरा प्रथम प्रयास ही है ये ....आपने इसे सर आँखों पर लेकर मुझे गौरान्वित ही नही बल्कि गर्वीली भी कर दिया ...आभार!</p> अच्छी टमरू धनाक्षरी बन पड़ी है…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-02:5170231:Comment:3565772013-05-02T04:14:35.669ZVindu Babuhttp://www.openbooksonline.com/profile/vandanatiwari
अच्छी टमरू धनाक्षरी बन पड़ी है आदररेया वेदिका जी।<br />
सादर बधाई स्वीकारें।
अच्छी टमरू धनाक्षरी बन पड़ी है आदररेया वेदिका जी।<br />
सादर बधाई स्वीकारें। आदरणीया गीतिका जी सुन्दर डमरू…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-01:5170231:Comment:3566252013-05-01T17:52:00.884ZAshok Kumar Raktalehttp://www.openbooksonline.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया गीतिका जी सुन्दर डमरू घनाक्षरी प्रस्तुत की है. बहुत सुन्दर भाव लिए. सादर बधाई स्वीकारें.</p>
<p>आदरणीया गीतिका जी सुन्दर डमरू घनाक्षरी प्रस्तुत की है. बहुत सुन्दर भाव लिए. सादर बधाई स्वीकारें.</p> बहुत सुन्दर रचना ...बधाई स्वी…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-01:5170231:Comment:3562972013-05-01T14:50:14.578Zmanoj shuklahttp://www.openbooksonline.com/profile/manojshukla
बहुत सुन्दर रचना ...बधाई स्वीकार करें आदर्णीया
बहुत सुन्दर रचना ...बधाई स्वीकार करें आदर्णीया वाह आदरणीया गीतिका जी वाह डमर…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-01:5170231:Comment:3562052013-05-01T12:41:50.815Zअरुन 'अनन्त'http://www.openbooksonline.com/profile/ArunSharma
<p>वाह आदरणीया गीतिका जी वाह डमरू घनाक्षरी प्रस्तुत की है आपने, हमे तो नचा ही दिया आपने डमरू बजाकर क्या कहने लाजवाब हार्दिक बधाई स्वीकारें.</p>
<p>वाह आदरणीया गीतिका जी वाह डमरू घनाक्षरी प्रस्तुत की है आपने, हमे तो नचा ही दिया आपने डमरू बजाकर क्या कहने लाजवाब हार्दिक बधाई स्वीकारें.</p> गीतिका जी वाह! आपका कमाल अभी…tag:www.openbooksonline.com,2013-05-01:5170231:Comment:3562812013-05-01T12:13:30.693Zबृजेश नीरजhttp://www.openbooksonline.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>गीतिका जी वाह! आपका कमाल अभी मुशायरे में देखा! अब यहां! इस सुन्दर प्रयास के लिए आपको बधाई!</p>
<p>गीतिका जी वाह! आपका कमाल अभी मुशायरे में देखा! अब यहां! इस सुन्दर प्रयास के लिए आपको बधाई!</p>