Comments - (फाँसी से कम नहीं ) - Open Books Online2024-03-28T15:13:40Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A301999&xn_auth=no शुक्रिया सौरभ जी राजेश कुमार…tag:www.openbooksonline.com,2012-12-22:5170231:Comment:3027032012-12-22T10:31:23.931ZDeepak Sharma Kuluvihttp://www.openbooksonline.com/profile/DeepakKuluvi
<p><span> शुक्रिया सौरभ जी राजेश कुमारी जी अरुन भाई जो आप साथ हो </span></p>
<p><span> शुक्रिया सौरभ जी राजेश कुमारी जी अरुन भाई जो आप साथ हो </span></p> दीपक सर बिलकुल सत्य है यह आक्…tag:www.openbooksonline.com,2012-12-21:5170231:Comment:3028402012-12-21T06:06:38.882Zअरुन 'अनन्त'http://www.openbooksonline.com/profile/ArunSharma
<p>दीपक सर बिलकुल सत्य है यह आक्रोश तो एक न एक दिन होना ही था, आखिर कब तक हम सब यूँ मौन रहकर टकटकी निगाहों से यूँ ही देखते रहेंगे बधाई.</p>
<p>दीपक सर बिलकुल सत्य है यह आक्रोश तो एक न एक दिन होना ही था, आखिर कब तक हम सब यूँ मौन रहकर टकटकी निगाहों से यूँ ही देखते रहेंगे बधाई.</p> आपके आक्रोश को मिले शब्द से ह…tag:www.openbooksonline.com,2012-12-20:5170231:Comment:3028272012-12-20T19:14:36.836ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपके आक्रोश को मिले शब्द से हम सभी इत्तफ़ाक़ रखते हैं, दीपकजी.</p>
<p>आपके आक्रोश को मिले शब्द से हम सभी इत्तफ़ाक़ रखते हैं, दीपकजी.</p> आदरनीय दीपक कुल्लुवी जी ये आ…tag:www.openbooksonline.com,2012-12-20:5170231:Comment:3024662012-12-20T07:18:36.861Zrajesh kumarihttp://www.openbooksonline.com/profile/rajeshkumari
<p><span>आदरनीय दीपक कुल्लुवी जी ये </span><span> आक्रोश की ज्वाला हर किसी के हृदय में धधक रही है ये तभी शांत होगी जब उन दरिनों को फांसी पर लटकाया जाएगा आपके विचारों को नमन </span></p>
<p><span>आदरनीय दीपक कुल्लुवी जी ये </span><span> आक्रोश की ज्वाला हर किसी के हृदय में धधक रही है ये तभी शांत होगी जब उन दरिनों को फांसी पर लटकाया जाएगा आपके विचारों को नमन </span></p>