Comments - जिंदगी - Open Books Online2024-03-29T10:20:30Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A288312&xn_auth=noज़िंदगी हर कदम एक नयी जंग है..…tag:www.openbooksonline.com,2012-11-08:5170231:Comment:2884432012-11-08T02:41:17.202ZDr.Prachi Singhhttp://www.openbooksonline.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>ज़िंदगी हर कदम एक नयी जंग है.....</p>
<p><span>संघर्ष करो जिंदगी से,</span><br/><span>शिक्षा लो जिंदगी से,</span><br/><span>हार कभी न मानो जिंदगी से,</span><br/><span>जीतकर दिखाओ जिंदगी से,</span><br/><span>बता दो औकात,जिंदगी को जिंदगी की ।...............बधाई इस अभिव्यक्ति पर.</span></p>
<p>ज़िंदगी हर कदम एक नयी जंग है.....</p>
<p><span>संघर्ष करो जिंदगी से,</span><br/><span>शिक्षा लो जिंदगी से,</span><br/><span>हार कभी न मानो जिंदगी से,</span><br/><span>जीतकर दिखाओ जिंदगी से,</span><br/><span>बता दो औकात,जिंदगी को जिंदगी की ।...............बधाई इस अभिव्यक्ति पर.</span></p> जीतकर दिखाओ जिंदगी से,बता दो…tag:www.openbooksonline.com,2012-11-07:5170231:Comment:2884172012-11-07T12:30:01.363ZSaurabh Pandeyhttp://www.openbooksonline.com/profile/SaurabhPandey
<p><em>जीतकर दिखाओ जिंदगी से,</em><br/><em>बता दो औकात,जिंदगी को जिंदगी की</em> ... ....... ?????</p>
<p>आपकी प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई. सतत प्रयासरत रहें.</p>
<p></p>
<p><em>जीतकर दिखाओ जिंदगी से,</em><br/><em>बता दो औकात,जिंदगी को जिंदगी की</em> ... ....... ?????</p>
<p>आपकी प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई. सतत प्रयासरत रहें.</p>
<p></p> बहुत बढ़िया आदरणीय ।
शुभकामनाय…tag:www.openbooksonline.com,2012-11-07:5170231:Comment:2882752012-11-07T06:20:33.107Zरविकरhttp://www.openbooksonline.com/profile/dineshravikar
<p>बहुत बढ़िया आदरणीय ।</p>
<p>शुभकामनायें स्वीकारें ।।</p>
<p>जीवन का पहला चरण, इसीलिए खुशहाल ।</p>
<p>दूजा ही सबसे अधिक, झेले पीर बवाल ।</p>
<p>झेले पीर बवाल, यहीं पर आकर सोचे ।</p>
<p>रही जिंदगी पाल, यहीं पर बेढब लोचे ।</p>
<p>करे परीक्षण राम, बड़ा जालिम यह यौवन ।</p>
<p>रहे नियंत्रित काम, नीति नियमों में जीवन ।।</p>
<p>बहुत बढ़िया आदरणीय ।</p>
<p>शुभकामनायें स्वीकारें ।।</p>
<p>जीवन का पहला चरण, इसीलिए खुशहाल ।</p>
<p>दूजा ही सबसे अधिक, झेले पीर बवाल ।</p>
<p>झेले पीर बवाल, यहीं पर आकर सोचे ।</p>
<p>रही जिंदगी पाल, यहीं पर बेढब लोचे ।</p>
<p>करे परीक्षण राम, बड़ा जालिम यह यौवन ।</p>
<p>रहे नियंत्रित काम, नीति नियमों में जीवन ।।</p>