Comments - तितली ( दोहे ) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर" - Open Books Online2024-03-29T15:43:04Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1101920&xn_auth=noआ भाई समर जी, सादर अभिवादन। द…tag:www.openbooksonline.com,2023-04-05:5170231:Comment:11019442023-04-05T01:34:36.927Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://www.openbooksonline.com/profile/laxmandhami
<p><span>आ भाई समर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</span></p>
<p><span>साथ ही त्रुटियों की ओर ध्यान दिलाने के लिए भी आभार।</span></p>
<p><span>आ भाई समर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।</span></p>
<p><span>साथ ही त्रुटियों की ओर ध्यान दिलाने के लिए भी आभार।</span></p> जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, अच…tag:www.openbooksonline.com,2023-04-04:5170231:Comment:11020092023-04-04T09:34:26.324ZSamar kabeerhttp://www.openbooksonline.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p></p>
<p><span>'मधुवन में जब तितलियाँ, बहुत मचाती धूम'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'मचाती' की जगह "मचातीं" होना चाहिए,देखें ।</span></p>
<p></p>
<p><span>'सबकी देखो तितलियाँ, हरती लुभा थकान'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'हरती' की जगह "हरतीं" होना चाहिए, देखें ।</span></p>
<p>जनाब लक्ष्मण धामी जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।</p>
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<p><span>'मधुवन में जब तितलियाँ, बहुत मचाती धूम'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'मचाती' की जगह "मचातीं" होना चाहिए,देखें ।</span></p>
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<p><span>'सबकी देखो तितलियाँ, हरती लुभा थकान'</span></p>
<p><span>इस पंक्ति में 'हरती' की जगह "हरतीं" होना चाहिए, देखें ।</span></p>