Comments - मैं रोना चाहता हूँ - Open Books Online2024-03-28T08:53:59Zhttp://www.openbooksonline.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1099494&xn_auth=noआदरणीय नाथ सोनांचली साहब,
आप…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-23:5170231:Comment:11017212023-03-23T04:29:55.200ZAMAN SINHAhttp://www.openbooksonline.com/profile/AMANSINHA
<p>आदरणीय नाथ सोनांचली साहब, </p>
<p>आपकी सराहना के लिये धन्यवाद । </p>
<p>आदरणीय नाथ सोनांचली साहब, </p>
<p>आपकी सराहना के लिये धन्यवाद । </p> आद0 अमन सिन्हा जी सादर अभिवाद…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-22:5170231:Comment:11016132023-03-22T06:34:26.703Zनाथ सोनांचलीhttp://www.openbooksonline.com/profile/SurendraNathSingh
<p>आद0 अमन सिन्हा जी सादर अभिवादन। कविता के दो या तीन भाग करके भी प्रस्तुत किया जा सकता है। बहरहाल कविता संवेदनाओं की गहरी थाती है। बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>आद0 अमन सिन्हा जी सादर अभिवादन। कविता के दो या तीन भाग करके भी प्रस्तुत किया जा सकता है। बहरहाल कविता संवेदनाओं की गहरी थाती है। बधाई स्वीकार कीजिये</p> आदरणीय रचना भाटिया जी,
आपके स…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-09:5170231:Comment:11006832023-03-09T06:12:57.411ZAMAN SINHAhttp://www.openbooksonline.com/profile/AMANSINHA
आदरणीय रचना भाटिया जी,<br />
आपके सराहना के लिए असंख्य धन्यवाद| मुझे लगा था कि कोई इसे मेरे नज़रिए से देख नहीं पायेगा, मगर आपने देख लिया|<br />
<br />
मैं अवश्य हीं टंकण सुधार करूँगा|<br />
धन्यवाद, सादर||
आदरणीय रचना भाटिया जी,<br />
आपके सराहना के लिए असंख्य धन्यवाद| मुझे लगा था कि कोई इसे मेरे नज़रिए से देख नहीं पायेगा, मगर आपने देख लिया|<br />
<br />
मैं अवश्य हीं टंकण सुधार करूँगा|<br />
धन्यवाद, सादर|| आदरणीय अमन सिन्हा जी,आज का आद…tag:www.openbooksonline.com,2023-03-09:5170231:Comment:11009172023-03-09T04:56:07.945ZRachna Bhatiahttp://www.openbooksonline.com/profile/RachnaBhatia
<p>आदरणीय अमन सिन्हा जी,आज का आदमी मजबूरियों को सहते सहते किस प्रकार असंवेदनशील होता जा रहा है।आपकी कविता से स्पष्ट हो रहा है। बधाई स्वीकारें। कुछ टंकण त्रुटियाँ हो गई है। ठीक कर लें। सादर।</p>
<p>आदरणीय अमन सिन्हा जी,आज का आदमी मजबूरियों को सहते सहते किस प्रकार असंवेदनशील होता जा रहा है।आपकी कविता से स्पष्ट हो रहा है। बधाई स्वीकारें। कुछ टंकण त्रुटियाँ हो गई है। ठीक कर लें। सादर।</p>